मंगलवार, 4 जनवरी 2022

सिर्फ़ मीर ही हैं खुदा-ए-सुखन: प्रो. महफ़ूज

‘यादे मीर तक़ी मीर’, सम्मान समारोह और मुशायरे का हुआ आयोजन

 सय्यद अतहर सग़ीर ज़ैदी ‘तूरज ज़ैदी’

प्रयागराज। उर्दू शायरी में सिर्फ़ मीर तक़ी मीर ही ऐसे शायर हैं, जिन्हें खुदा-ए-सुखन कहा जाता है। मीर को यह लक़ब दिए जाने पर किसी को ऐतराज भी नहीं है। यानि ग़ज़ल की शायरी में मीर से बड़ा शायर कोई नहीं है। आज उनकी 300वीं जयंती पर यह कार्यक्रम आयोजित करके मीर को शानदार श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। इसके लिए ‘फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी’ और गुफ़्तगू मुबारकबाद के हक़दार हैं। यह बात जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. अहमद महफ़ूज ने 01 जनवरी को हिन्दुस्तानी एकेडेमी में ‘फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी’ के तत्वावधान और गुफ़्तगू के संयोजन में आयोजित ‘यादे मीर तक़ी मीर’ के दौरान कही।

अली अहमद फ़ातमी


प्रो. अहमद महफ़ूज

 ‘फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी’ के अध्यक्ष सय्यद अतहर सग़ीर ज़ैदी ‘तूरज ज़ैदी’ ने कहा कि फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी सिर्फ़ किताबों का प्रकाशन ही नहीं करती बल्कि उर्दू के लिए काम करने वालों को हर तरह से प्रोत्साहन करती है, जो बच्चे अपने स्कूल में उर्दू में टॉप करते हैं, उन्हें वजीफ़ा देती है, जो लोग उर्दू में पीएचडी करते हैं उन्हें फैज़याब करती है और विभिन्न शायरों की याद में कार्यक्रम करती है। इसी चैप्टर का हिस्सा है आज का कार्यक्रम। मुझे कमेटी ज्वाइन किए हुए अभी मात्र 101 दिन हुए और आज ये 23वां कार्यक्रम हो रहा है। विशिष्ट अतिथि प्रो. जहां आरा ने कहा कि उर्दू सबसे प्यारी ज़बान है, लेकिन यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है, इस पर अब गंभीरता से काम करने की ज़रूरत है

इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी


प्रो. जहां आरा

 कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. अली अहमद फ़ातमी ने कहा कि मीर की शायरी पर थोड़े से समय में पूरी चर्चा नहीं की जा सकती है, उनकी शायरी का मेयार जहां खड़ा है, वहां आससपास तक भी कोई नहीं पहुंच सका है। ग़ालिब ने भी मीर की तारीफ़ में बहुत सारे अशआर कहे हैं। गुफ़्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कि नए साल के साथ ही गुफ़्तगू का कारवां 19वें वर्ष में प्रवेश गया है, साल के पहले ही दिन हम मीर जैसे शायर को याद कर रहे हैं, आगे भी कार्यक्रम होते रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।


‘मीर तक़ी मीर एवार्ड’ प्राप्त करते इब्राहीम अश्क


‘मीर तक़ी मीर एवार्ड’ प्राप्त करते अली अहमद फ़ातमी

दूसरे दौर में मुशायरे का आयोजन किया गया। इब्राहीम अश्क, बुद्धिसेन शर्मा, विजय प्रताप सिंह, रईस बहराइची, ताजवर सुल्ताना, शगुफ़्ता रहमान, प्रिया श्रीवास्तव ‘’दिव्यम्’, तलब जौनपुरी, नायाब बलियावी, फ़रमूद इलाहाबादी, डॉ. नीलिमा मिश्रा, अनिल मानव, इश्क़ सुल्तानपुरी, शैलेंद्र जय, नीना मोहन श्रीवास्तव, नरेश महरानी, शिबली सना, शिवाजी यादव, रचना सक्सेना और इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कलाम पेश किया।

‘मीर तक़ी मीर एवार्ड’ प्राप्त करते प्रो. अहमद महफ़ूज


‘मीर तक़ी मीर एवार्ड’ प्राप्त करते नायाब बलियावी

 

इन्हें मिला मीर तक़ी मीर सम्मान

इब्राहीम अश्क, प्रो. अली अहमद फ़ातमी, प्रो. आफ़ाक अहमद आफ़ाक़ी. प्रो. अहमद महफूज, नायाब बलियावी और ताजवर सुल्ताना  


‘मीर तक़ी मीर एवार्ड’ प्राप्त करती ताजवर सुल्ताना

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