बुधवार, 20 नवंबर 2019

गुफ़्तगू के (नातिया शायरी विशेषांक) अक्तूबर-दिसंबर 2019 अंक में


3.संपादकीय (इबादत को सहेजने की कोशिश)
4.आपके ख़त
5-9. धरती के वासियों की मुक्ति में प्रीत है ! - प्रो. अली अहमद फ़ातमी
10-13 नातगोई की इब्तिदा - डाॅ. ज़फ़रउल्लाह अंसारी
14.दुनिया की हर ज़बान में लिखी-पढ़ी जाती है नात- नूर ककरौलवी
15-16.किसे कहते हैं नातिया शायरी - अनिसा सुलेमानी
17-18. 1987 से रकसहां में हो रहा है नातिया मुशायरा-नदीमुद्दीन शम्सी मिसबाही
19-20. ग़ाज़ीपुर के ख़ास व्यक्तित्व श्यामल दत्त- मोहम्मद वज़ीर अंसारी
21-22. नातगोई और उसका फ़न - हकीम रेशादुल इस्लाम
23-25. ख़ास नात ( इमाम अहमद रज़ा बरेवली, राज़ इलाहाबादी, बेकल उत्साही, अज़ीज़ इलाहाबादी, तुफ़ैल अहमद मदनी, अशफ़ाक़ अहमद वारसी)
26-41. नात (सैयद औलोद रसूल कुदसी, मौलाना रियाज़ हुसैन ख़ान, डाॅ. असलम इलाहाबादी, अलमास शबी, मोहम्मद मुजाहिद हुसैन रज़वी, नूर ककरालवी, सैयद ख़ादिमे रसूल ऐनी, सागर होशियारपुरी, अख़्तर अज़ीज़, हसनैन मुस्तफ़ाबादी, क़ादिर हनफ़ी, फ़ौजिया अख़्तर ‘रिदा’, शिवशरण बंधु, माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’, फ़रमूद इलाहाबादी, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, शकील ग़ाज़ीपुरी, इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी, डाॅ. वारिस अंसारी, अतिया नूर,  मिथिलेश गहमरी, सुनील दानिश, हसरत देवबंदी, वाक़िफ़ अंसारी, डाॅ. हसीन जिलानी, डाॅ.  सय्यद क़मर आब्दी, ईशान अहमद, सिबतैन परवाना, हसन जौनपुरी, असद ग़ाज़ीपुरी, सलाह ग़ाज़ीपुरी, ज़ीशान बरकाती )
42-43. इंटरव्यू: डाॅ. शमीम ग़ौहर
44-46. तब्सेरा (आखि़र कब तक, भास्कर राव इंजीनियर, खेत के पांव, लफ़्ज़ों का लहू)- इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
47-50. उर्दू अदब (वसीला-ए-निज़ात, क़लम कागज़ पे सज्दे कर रहा है, बतख़ मियां अंसारी, हमनशीं)- अख़्तर अज़ीज़
51. गुलशन-ए-इलाहाबाद: मौलाना मुजाहिद हुसैन - इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
52-53. ग़ाज़ीपुर के वीर( ब्रिगेडियर उस्मान ने ठुकरा दिया पाक में जनरल बनने का आॅफ़र) शहाब ख़ान गोड़सरावी
54-59. अदबी ख़बरें
60-61 खि़राज़-ए-अक़ीदत: मोहम्मद शब्बीर ख़ान हमेशा जिन्दा रहेंगे- इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
62-84. परिशिष्ट-1, इक़बाल आज़र
62. इक़बाल आज़र का परिचय
63. नातगोई और इक़बाल आज़र - डाॅ. वारिस अंसारी
64-65 बातचीत: इक़बाल आज़र से डाॅ. नीलिमा मिश्रा की बातचीत
66-84. इक़बाल आज़र के नात
85  परिशिष्ट-2, इक़बाल दानिश
85. इक़बाल दानिश का परिचय
86. कलाम-ए-दानिश: एक जायज़ा- मुफ़्ती शफ़ीक अहमद
87. इक़बाल दानिश और उनकी नातगोई- डाॅ. हसीन जिलानी
88-89. बातचीत: इक़बाल दानिश से हकीम रेशादुल इस्लाम की बातचीत
90-105. इक़बाल दानिश के नातिया कलाम
106-114. कवि और कविता (डाॅ. राकेश मिश्र ‘तूफ़ान’, मासूम रज़ा राशदी, कृष्ण कुमार यादव, शिवकुमार राय, विजय प्रताप सिंह)
115-120. एवार्ड परिचय (मौलाना रियाज़ हुसैन ख़ान, मौलान मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान, अहक़र ग़ाज़ीपुरी, मिथिलेश गहमरी, शमशाद हुसैन ख़ान, डाॅ. आरिफ़ नसीम, मक़बूल वाजिद, सुहैल ख़ान, कुमार शैलेंद्र, इंद्रासन यादव, मोहम्मद ऐनुद्दीन, अभिषेक कुमार श्रीवास्वत, मोहम्मद शौक़त ख़ान)

मंगलवार, 12 नवंबर 2019

दोहों की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं पंकज

 ‘कौन किसे समझाय’ के विमोचन अवसर पर बोले इब्राहीम अश्क



प्रयागराज। पंकज सिंह राहिब के दोहे इबादत की तरह है, उन्होंने दोहा सृजन में अपने आपको डुबा दिया है। इनके दोहों को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट रूप कहा जा सकता है कि इन्होंने अपने आपको दोहों में डुबा दिया है। ये दोहों की परंपरा को शानदार तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। यह बात फिल्म गीतकार और मशहूर शायर इब्राहीम अश्क ने 04 नवंबर की शाम गुफ़्तगू की ओर से बाल भारती स्कूल में बतौर मुख्य अतिथि ‘कौन किस समझाय’ का विमोचन करते हुए कही। 
 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गीतकार यश मालवीय ने कहा कि पंकज राहिब के दोहे पढ़़ते हुए लगा कि वे दोहों को ओढ़ते और बिछाते हैं, इनके दोहों से गुजरत हुए लगा कि वास्तविक रूप में दोहे ऐसे ही लिखना चाहिए। श्री यश ने कहा कि इन दोहों को पढ़ने के बाद मैं भी और अधिक दोहा लिखने के लिए प्रेरित हुआ। रविनंदन सिंह ने कहा कि साहित्य बहुत समय लेता है, जब खूब अध्ययन करके सृजन किया जाता है तो लेखनी उभरकर सामने आती है। पंकज राहिब के दोहों को पढ़ते समय यह महसूस हुआ कि इन्होंने साहित्य का गहरा अध्ययन किया है। गुफ़्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद गा़़ज़ी ने कहा कि पंकज के दोहे आज के समय के लिए मिसाल है, दोहा लिखने वालों को इनके दोहों से प्रेरणा मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।
  इस मौके पर संजय मिश्र ‘शौक़’ रेशादुल इस्लाम, अनिल मानव, राम लखन चैरसिया,  अफसर जमाल, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, नीना मोहन श्रीवास्तव, शिवशंरण बंधु, नरेश महरानी,  कविता उपाध्याय, आसिफ उस्मानी, संपदा मिश्रा, शिबली सना, शिवाजी यादव, ललिता नारायणी पाठक, परवेज अख़्तर, महक जौनपुरी, रितंधर मिश्रा, सुमन दुग्गल, डाॅ. वीरेंद्र कुमारी तिवारी, असद ़गाजीपुरी, रचना सक्सेना, रेनू मिश्रा, सरिता श्रीवास्तव, रमोला रूथ लाल, राजेंद्र यादव, परवेज अख्तर, असरार नियाज़ी, अभिषेक केसरवानी, डाॅ. संतोष कुमार मिश्र, अशरफ़ अली बेग, वीरेंद्र कुमार तिवारी, मुजाहिद लालटेन, राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, केशव सक्सेना, असल ग़ाज़ीपुरी, सेलाल इलाहाबादी, संजय सक्सेना, उमेश श्रीवास्तव, लखन लाल चैधरी, राकेश जायसवाल पीयूष मिश्र आदि मौजूद रहे।