बुधवार, 17 अगस्त 2016

गुफ्तगू के सितंबर-2016 अंक में



3. ख़ास ग़ज़लें: फ़िराक़ गोरखपुरी, मज़रूह सुल्तानपुरी, शकेब जलाली, आरपी शर्मा ‘महर्षि’
4. संपादकीय: शायरी की मर्यादा और भाषा
5-6. आपके ख़त
ग़ज़लें
7. बेकल उत्साही, जावेद अख़्तर, बशीद बद्र, राहत इंदौरी
8. मुनव्वर राना, वसीम बरेलवी, इब्राहीम अश्क, बुद्धिसेन शर्मा
9.किशन स्वरूप, विजय लक्ष्मी विभा, डॉ. तारा गुप्ता, नीना सहर
10.अनुराधा चंदेल ‘ओस’, इरफ़ान कुरैशी, रेखा लोढ़ा, असद अली असद
11. अक़ील नोमानी, इरशाद आतिफ़, खुर्शीद खैराड़ी, आर्य हरीश कोशलपुरी
12. भारत भूषण जोशी, शिबली सना, शादमा अमान ज़ैदी, फरीद
13. प्रखर मालवीय, प्रज्ञा सिंह परिहार
कविताएं
14.कैलाश गौतम, माहेश्वर तिवारी
15. यश मालवीय, भोलानाथ कुशवाहा
16. कंचन शर्मा, दिनेश कुशभुवनपुरी
17. डॉ. राजरानी शर्मा
18. स्नेहा पांडेय, रुचि श्रीवास्तव, लोकेश श्रीवास्तव
19. सरस दरबारी, ईश्वर शरण शुक्ल
20-21. तआरुफ़: शैलेंद्र कपिल
22-25. इंटरव्यू: डॉ. जगन्नाथ पाठक
26-27. चौपाल:  फिल्मों में लिखने वालों को साहित्य में गंभीरता से नहीं लिया जाता
28-31. विशेष लेख: ग़ज़ल का जादू और उर्दू की नौआबाद बस्तियां - मुनव्वर राना
32. आजकल:  विचारधारा नहीं, प्रलेस अप्रासंगिक- माहेश्वर तिवारी
33-36. कहानी: रिश्ते का समीकरण - अंशुमान खरे
37-39. तब्सेरा: ज़लज़ला, मैं ग़ज़ल कहती रहूंगी, तन्हा नहीं रहा तन्हा, मुखर होते मौन, सीप
40-43. अदबी खबरें
44. गुलशन-ए-इलाहाबाद: अजीत पुष्कल
45-48. मनीष शुक्ला के सौ शेर
49-50. ग़ज़ल व्याकरण भाग-2: डॉ. नईम साहिल
51-52. तंजो-मिजाह: नाचे ताल तलैया में गोपाल मेढक ताक धिना-धिन- शिवशंकर पांडेय
परिशिष्ट: अरुण अर्णण खरे
54. अरुण अर्णण खरे का परिचय
55. सोच और एहसास का आइना: राहत इंदौरी
56-57. इंजीनियरिंग में कमाल और लेखन में लाजवाब: कंचन शर्मा
58. संवेदनशील कवि के रूप में लब्ध प्रतिष्ठित:  कांति शुक्ल
59. अरुण अर्णण खरे एक बहुआयामी व्यक्तिः धनश्याम कैथिल ‘अमृत’
60.समाजपयोगी और संवेदनशील: डॉ. तारा गुप्ता
61-80. अरुण अर्णण खरे की कविताएं