मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

गुफ़्तगू की वर्ष 2019 की गतिविधियां

इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी की पुस्तक ‘एहसास-ए-ग़ज़ल’ का विमोचन

06 जनवरी: कैफ़ी आज़मी जन्म शताब्दी समारोह- इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी द्वारा संपादित और कैफ़ी आज़मी को समर्पित पुस्तक ‘एहसास-ए-ग़ज़ल’ का विमोचन
              
कैफ़ी आज़मी सम्मान समारोह का ग्रुप फोटो
 इन 12 लोगों को कैफ़ी आज़मी सम्मान: नज़र कानपुरी (लखनऊ), हसनैन मस्तफ़ाबादी (इलाहाबाद), खुर्शीद भारती (मिर्ज़ापुर), रमोला रूथ लाल (इलाहाबाद), डाॅ. इम्तियाज़ समर (कुशीनगर), डाॅ. क़मर आब्दी (इलाहाबाद), डाॅ. नीलिमा मिश्रा (इलाहाबाद), इश्क़ सुल्तानपुरी(अमेठी), डाॅ. सादिक़ देवबंदी (देवबंद), सुमन ढींगरा दुग्गल (इलाहाबाद), प्रिया श्रीवास्तव ‘दिव्यम्’(जालौन) और मन्नत मिश्रा (लखनऊ)
गुफ़्तगू के दोहा विशेषांक का विमोचन
17 फरवरी: गुफ़्तगू द्वारा दोहा दिवस समारोह का आयोजन, इस दौरान फिल्म पटकथा लेखक संजय मासूम द्वारा ‘गुफ़्तगू’ के दोहा विशेषांक का विमोचन और कवियों द्वारा दोहा पाठ
ऋतंधरा मिश्रा की पुस्तक ‘आखि़र मैं हूं कौन’ का विमोचन
09 मार्च: ऋतंधरा मिश्रा की पुस्तक ‘आखिर मैं हूं कौन’, रचना सक्सेना की पुस्तक ‘किसकी रचना’ और कुमारी निधि चैधरी की पुस्तक ‘प्रेम विरह में आलोकित’ का विमोचन
गुफ़्तगू के महिला ग़ज़ल विशेषांक का विमोचन
09 जून: ‘गुफ़्तगू साहित्य समारोह-2019’ का आयोजन, गुफ़्तगू के महिला ग़ज़ल विशेषांक का विमोचन और विभिन्न सम्मान
 सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान का ग्रुप फोटो
सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान: इफ़्फ़त ज़हरा रिज़वी (सऊदी अरब), पूजा बहार (नेपाल), सुमय्या राणा ग़ज़ल (लखनऊ), नमिता राकेश (फरीदाबाद), अंजु सिंह गेसू (मेरठ), वीना श्रीवास्तव(रांची), नजमा नाहिद अंसारी (रांची), उर्वशी अग्रवाल उर्वी (नई दिल्ली), स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता (लखनऊ), सुमन ढींगरा दुग्गल(प्रयागराज) और शिबली सना (प्रयागराज)
बेकल उत्साही सम्मान: नय्यर आक़िल (प्रयागराज, मरणोपरांत) अरुण आदित्य (अलीगढ़), कैप्टन जैनुल आबेदीन ख़ान (पुणे), फरहत अली खान (अलीगढ़), उबैदुर्रहमान सिद्दीक़ी (गाजीपुर) रचना सक्सेना (प्रयागराज), अख़्तर अज़ीज़ (प्रयागराज) और डाॅ. राम लखन चैरसिया (प्रयागराज) 
सीमा अपराजिता सम्मान: शकीला सहर (पुणे), पारो चैधरी (ग़ाज़ियाबाद), कुमारी निधि चैधरी (किशनगंज, बिहार), मधुबाला (प्रयागराज) और अदिति मिश्रा (प्रयागराज)
16 जून: साहित्यकार नंदल हितैषी के निधन पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन                              
29 सितंबर: गुफ़्तगू के ‘प्रयागराज महिला विशेषांक’ का विमोचन और ‘शान-ए-इलाहाबाद’ सम्मान समारोह, इन्हें मिला ‘शान-ए-इलाहाबाद सम्मान’- कमरुल हसन सिद्दीक़ी, यश मालवीय, डाॅ. राम मिलन, डाॅ. रंजना त्रिपाठी, सरदार किशन सिंह, अनिल कुमार गुप्ता और राजू जायसवाल उर्फ मरकरी
04 नवंबर: पंकज सिंह राहिब के दोहा संग्रह ‘कौन किसे समझाय’ का विमोचन

24 नवंबर को ग़ाज़ीपुर के रकसहां गांव में हुए कार्यक्रम का चित्र 
24 नवंबर: ग़ाज़ीपुर के रकसहां गांव में ‘नातिया शायरी विशेषांक’ का विमोचन और सम्मान।
इन्हें मिला सम्मान: सूफ़ी शाह शम्सुद्दीन एवार्ड: मौलाना रियाज़ हुसैन ख़ान शम्सी, मौलाना फ़ारूक़ ख़ान  ख़ामोश ग़ाज़ीपुरी एवार्ड: अहक़र ग़ाज़ीपुरी, मिथिलेश गहमरी, डाॅ. मुख़्तार अंसारी एवार्ड: मोहम्मद शमशाद ख़ान, डाॅ. आरिफ़ नसीम, गोपाल राम गहमरी एवार्ड: कुमार शैलेंद्र राही मासूम रज़ा एवार्ड: मक़बूल वाजिद, सुहैल ख़ान हारुन रशीद एवार्ड: मोेहम्मद ऐनुद्दीन, इंद्रासन यादव, अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, मोहम्मद शौक़त ख़ान
30 अक्तूबर: डाॅ. राम लखन  चौरसिया की पुस्तक ‘मेरा माला’ पर परिचर्चा और काव्य पाठ
01 दिसंबर: गुफ़्तगू के नातिया शायरी विशेषांक का विमोचन और काव्य पाठ




बुधवार, 11 दिसंबर 2019

नात पर पहली बार हिन्दी में विशेषांक: नीलिमा

गुफ़्तगू के नातिया शायरी विशेषांक का विमोचन और मुशायरा

प्रयागराज। हिन्दी में नातिया शायरी पर विशेषांक निकालकर ‘गुफ़्तगू’ पत्रिका ने इतिहास रच दिया है। अब तक नात पर हिन्दी में कोई विशेषांक प्रकाशित नहीं हुआ। यह एक बहुत ही बेहतरीन काम है। अल्लाह की हिदायत के मुताबिक दुनिया में इस्लाम मज़हब लाने वाले पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्ल. की तारीफ़ में शायरी करना ही नातिया शायरी कहलाती है, इसकी शुरूआत अरब से हुई, इस विधा पर विशेषांक निकालना एक बड़ा काम है। यह बात 01 दिसंबर को ‘गुफ़्तगू’ की ओर से करैली स्थित अदब घर में आयोजित ‘नातिया शायरी विशेषांक’ के विमोचन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि डाॅ. नीलिमा मिश्रा ने कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार अन्य विधाओं पर भी विशेषांक निकलने चाहिए, हम्द पर भी विशेष अंक आना चाहिए। उम्मीद है टीम गुफ़्तगू यह काम भी करेगी।
 गुफ़्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि यह दौर विशेषांक का है, अब सामान्य अंक को लोग न तो सहेजकर रखते हैं और न ही खरीदना चाहते हैं। लोग विशेष अंक या विशेष चीज़ ही चाहते हैं। ऐसे माहौल में टीम गुफ़्तगू ने निर्णय लिया है कि भिन्न-भिन्न विषयों पर विशेषांक निकाले जाएं। ग़ज़ल विशेषांक, महिला विशेषांक, महिला ग़ज़ल विशेषांक, इलाहाबाद विशेषांक, इलाहाबाद महिला विशेषांक, दोहा विशेषांक के बाद इस कड़ी का हिस्सा है नातिया शायरी विशेषांक। इसमें जहां विभिन्न लोगों के नात प्रकाशित किए गए हैं, वहीं नात पर कई शोध परख लेख भी शामिल किए गए हैं। शायर वाक़िफ़ अंसारी ने कहा कि गुफ़्तगू का यह अंक बेहद ख़ास है, इसमें देशभर के लोगों के नात तो शामिल किए गए ही हैं, अमेरिका तक के शायरों के नात भी शामिल हैं। इस परिदृश्य में देखा जाए तो यह अंक मील का पत्थर साबित हुआ है। हकीम रेशादुल इस्लाम ने कहा कि यह अंक कई मायने में नायाब है, इस तरह के काम की ही साहित्य में काउंटिंग होती है। हिन्दी में नात पर ख़ास अंक निकालना बेहद दूरदर्शिता का परिचायक हैं, ऐसे कामों की जितनी तारीफ़ की जाए, कम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जमादार धीरज ने कहा कि गुफ़्तगू पत्रिका अब प्रयागराज की पहचान बन गई है, भिन्न-भिन्न विषयों पर विशेषांक निकालकर टीम गुफ़्तगू बहुत बड़ा काम कर रही है। ऐसे काम की जितनी तारीफ़ की जाए कम है। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र जय ने किया।
 दूसरे दौर में मुशायरे का आयोजन किया गयां। जिसमें शिवाजी यादव, प्रभाशंकर शर्मा, मनमोहन सिंह ‘तन्हा’, अफ़सर जमाल, मुजाहिद लालटेन, सेलाल इलाहाबादी, असद ग़ाज़ीपुरी, फ़रमूद इलाहाबादी, दयाशंकर प्रसाद, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, जमादार धीरज, शाहिद इलाहाबादी आदि ने कलाम पेश किया। अंत में इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।
     

मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

अपनी ज़मीन को याद करना बड़ी बात: अफ़ज़ाल

अलग-अलग क्षेत्रों में 13 हस्तियां हुईं सम्मानित

गुफ़्तगू की ओर से रकसहां में हुआ सम्मान समारोह
ग़ाज़ीपुर। ग़ाज़ीपुर की धरती अपने आप में उर्जावान है, यहां बड़े अदीबों, क्रांतिकारियों और दानिशवरों ने जन्म लिया हैं। ऐसे माहौल में इलाहाबाद में रहने के बावजूद इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने अपनी सरज़मीन को याद किया और यहां से जुड़े हुए बड़े लोगों के नाम पर यहीं के लोगों को सम्मानति किया। अपनी ज़मीन को इस तरह से याद करना बड़ी बात है। यह बात सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने ‘गुफ्तगू’ की ओर से 24 नवंबर को ग़ाज़ीपुर जिले के रकसहां के दारूल उलूम तेग़िया शम्सुल उलूम में आयोजित सम्मान समारोह और विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। इस मौके पर गुफ़्तगू के नातिया शायरी विशेषांक का विमोचन भी किया गया। अपने संबोधन में श्री अंसारी ने कहा कि जो लोग ऐतिहासिक काम करते हैं, उन्हें ही एवार्ड दिया जाता है। यह कार्यक्रम आयोजित करके टीम गुफ्तगू ने साबित किया है अच्छे काम को हमेशा सराहना मिलती है। रकसहां के इस आयोजन ने एक इतिहास रच दिया है, ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
सांसद अफ़ज़ाल अंसारी

 गुफ़्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि इलाहाबाद में कार्यक्रम आयोजित करते हुए हमेशा मन यह बात बनी रहती कि अपने गांव में आयोजन करूं, बड़ी मशक्कत के बाद यह आयोजन कर पाया, लेकिन कुछ लोगों के सहयोग से यह आयोजन बेहद कामयाब रहा। क्षेत्र में बड़े काम करने वालों को सम्मानित करने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करे छत्तीसगढ़ राज्य के सेवानिवृत्त डीजी मोहम्मद वज़ीर अंसारी ने कहा कि इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने अथक परिश्रम करके यह कार्यक्रम किया है, जो बेहद कामयाब रहा। जिले ख़ास लोगों केा सम्मान मिलना चाहिए।
मोहम्मद वज़ीर अंसारी
मौलाना रियाज़ हुसैन ख़ान शम्सी ने कहा कि गुफ्तगू का यह कार्यक्रम अपने आपमें बेहद ख़ास है, इम्तियाज़ ग़ाज़ी ने अपने जिले और यहां के लोगों को याद करके बहुत अच्छा काम किया है। एसकेबीएम इंटर काॅलेज के प्रबंधक गुलाम मज़हर, रकसहां के ग्राम प्रधान मोहम्मद अली हसन ख़ान, उसिया के ग्राम प्रधान मोहम्मद युसूफ़ ख़ान, मासूम रज़ा राशदी, सरवत महमूद ख़ान, शकील खान, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह,  केके मिश्र ‘इश्क’ सुल्तानपुरी, फ़रमूद इलाहाबादी, अशोक कुशवाहा, अफ़सर जमाल आदि ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया। 

इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी

दूसरे दौर में मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसमें नायाब बलियावी, सेलाल इलाहाबादी, मुजाहिद लालटेन, असद ग़ाज़ीपुरी, अनिल मानव, शिवाजी यादव, मधुर नज्मी आदि ने कलाम पेश किया। इस मौके पर मोहम्मद अज़हर अंसारी, डाॅ.वसीम रज़ा, शाहनवाज अंसारी कल्लू, मोहम्मद आज़म ख़ान, औरंगज़ेब अंसारी, अब्दुल मतीन ख़ान आदि मौजूद रहे।

इन्हें मिला सम्मान 
सूफ़ी शाह शम्सुद्दीन एवार्ड: मौलाना रियाज़ हुसैन ख़ान शम्सी, मौलाना फ़ारूक़ ख़ान,                            ख़ामोश ग़ाज़ीपुरी एवार्ड: अहक़र ग़ाज़ीपुरी, मिथिलेश गहमरी,
डाॅ. मुख़्तार अंसारी एवार्ड: मोहम्मद शमशाद ख़ान, डाॅ. आरिफ़ नसीम,
गोपाल राम गहमरी एवार्ड: कुमार शैलेंद्र,
राही मासूम रज़ा एवार्ड: मक़बूल वाजिद, सुहैल ख़ान,
हारुन रशीद एवार्ड: मोेहम्मद ऐनुद्दीन, इंद्रासन यादव, अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, मोहम्मद शौक़त ख़ान