मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

शिक्षण-स्वास्थ्य केंद्रों के संस्थापक राजेश्वर सिंह

                                           

राजेश्वर प्रसाद सिंह

 

                                                                               - अमरनाथ तिवारी ‘अमर’

  सुदर्शन काया, काया पर भारतीय परिधान श्वेत धोती-कुर्ता, हंसमुख-मिलनसार और आडंबरहीन स्वभाव, सहज-सरल चेहरे पर तेज, आंखों में चमक, वाणी में ओज, सामने वाले को अकस्मात व बरबस ही अपनी ओर आकृष्ट कर देने वाले चुम्बकीय व्यक्तित्व के धनी स्मृतिशेष राजेश्वर प्रसाद सिंह (बाबूजी) का जन्म 1923 में सैदपुर के रामपुर गांव निवासी जमीदार बाबू सरजू प्रसाद सिंह के घर हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई। राजकीय सिटी इंटर कॉलेज, ग़ाज़ीपुर से हाईस्कूल, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी से 1964 में इंटरमीडिएट करने के बाद स्नातक व विधि स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद से प्राप्त की।

ग़ाज़ीपुर जिले में दर्जनभर शिक्षण सहित विभिन्न संस्थानों के संस्थापक बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह आत्मबल के धनी थे। बाल्यावस्था में ही अनाथ हो जाने के बावजूद उनका आत्म विश्वास नहीं डिगा। पहला शिक्षण संस्थान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग़ाज़ीपुर की स्थापना के लिए इन्होंने अथक एवं अनवरत प्रयास किया। इस महाविद्यालय को बढ़िया स्वरूप् प्रदान करने के लिए इन्होंने अपना जी-जान लगा दिया। इसके लिए तिनका-तिनका जोड़ा और पाई-पाई जुटाई।  आज इस महाविद्यालय में लगभग इस महाविद्यालय में लगभग दस हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

ग़ाज़ीपुर के बहुमुखी विकास हेतु वे आजीवन प्रयत्नशील रहे। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेेल सहित अन्य क्षेत्रों में भी जनपद के विकास के लिए उनके योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता। इनके द्वारा स्थापित संस्थाओं की विविधता ही उनकी बहुमुखी सोच और सपनों के शिलालेख हैं। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षा एवं शोध संस्थान, आदर्श इंटर कॉलेज, राजर्षि बाल विद्या निकेतन उनके शिक्षा प्रेम के विशाल शिलालेख हैं। होमियापैथी कॉलेज एवं अस्पताल गरीब आदमी के स्वास्थ्य के प्रति उनकी चिंता का तो नेहरु स्टेडियम उनकी खेल रुचि का परिचायक है। डिवाइन हार्ट फाउंडेशन ह्दय रोग के इलाज के लिए उनका एक ठोस प्रयास है तो विकास निगम जनपद के बहुमुखी विकास की सोच की गाथा है। कवींद्र रवींद्र गं्रथालय और राही शोध एवं सृजन संस्थान साहित्य और साहित्यकारो के प्रति उनके सम्मान-भाव का प्रतीक है। ग़ाज़ीपुर गृह निर्माण समिति

के माध्यम से ग़ाज़ीपुर नगर में सैकड़ों लोगों को आवास हेतु ज़मीन और संसाधन उपलब्ध कराना और कुष्ठ आश्रम उनके सेवाभावी मन का परिचायक है। भारत सरकार के सहयोग से स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के प्रति उनके सहयोग-भाव का द्योतक है। एफएम रेडियो स्टेशन की स्थापना संचार माध्यम से लोगों को जोड़ने के लिए उनकी उत्सुकता को दर्शाता है। राजेश्वर प्रसाद सिंह का 02 अप्रैल 2019 को निधन हो गया। 


(गुफ़्तगू के अक्तूबर-दिसंबर 2022 अंक में प्रकाशित)