गुफ़्तगू की ओर से ‘नंदल हितैषी को श्रद्धांजलि’ का आयोजन
इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी |
मनमोहन सिंह ‘तन्हा’ |
प्रयागराज। नंदल हितैषी के निधन से इलाहाबाद के साहित्य को बड़ी क्षति हुई है। नगर की कई संस्थाएं उनकी याद में कार्यक्रम करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन इससे उनके परिवार को क्या लाभ ? इसलिए हम सभी रचनाकारों को चाहिए कि किसी भी साहित्यकार केे निधन हो जाने पर सभी लोग मिलकर उनके परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाएं तो ज्यादा बेहतर होगा। यह बात गुफ़्तगू संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने 16 जून की शाम करैली स्थित अदब घर ‘नंदल हितैषी को श्रद्धांजलि’ कार्यक्रम के अंतर्गत कही। श्री ग़ाज़ी ने कहा हम रचनाकारों को चाहिए कि विकास प्राधिकरण जैसी संस्थाओं से मिलकर ‘साहित्यपुरम’ या ‘कविपुरम’ जैसी काॅलोनी बनाने की मांग करें। यह काॅलोनी साहित्यकारों को कम कीमत पर उपलब्ध कराई और रचनाकार के निधन होने पर उनके परिवार इस काॅलोनी में फ्री में आवास प्रदान की जाए।
नायाब बलियावी ने कहा नंदल जी हर रचनाकार की हौसला अफज़ाई करते थे और सभी लोगों ने मित्रतापूर्वक मिलते थे, उनके लेखनी और काम को भुलाया नहीं जा सकता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुद्धिसेन शर्मा ने कहा कि नंदल हितैषी एक सक्रिय साहित्यकार थे, उन्होंने अपनी लेखनी और व्यवहार से लोगों को एक साथ जोड़ेन का काम किया है, उनकी लेखनी और काम को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर अजीत शर्मा आकाश, शिवजी यादव, केशव सक्सेना, फ़रमूद इलाहाबादी, एसपी श्रीवास्तव, तलब जौनपुरी, राम लखन चैरसिया, प्रीता वाजपेयी, ललिता नारायणी पाठक, कविता उपाध्याय, नंदिता श्रीवास्तव, उवर्शी उपाध्याय, असद ग़ाज़ीपुरी, सुनील दानिश, खुर्शीद हसन, सेलाल इलाहाबादी, इजलाल अहमद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह ‘तन्हा’ ने किया।