शनिवार, 15 जून 2019

गुफ्तगू ने अपने काम से रचा इतिहास

कई सम्मानों से नवाजे गए देशभर के 25 रचनाकार

प्रयागराज। इस शहर में आकर ‘गुफ्तगू’ के इस आयोजन को देखकर महसूस हुआ कि समाज में सबकुछ गड़बड़ नहीं है, तमाम गलत प्रयासों के बावजूद समाज में बहुत से अच्छे काम आज भी हो रहे हैं, लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है। गुफ्तगू ने इस सम्मान समारोह और पत्रिका के प्रकाशन से साहित्य का इतिहास रच दिया है। यह बात रांची के वरिष्ट पत्रकार राजेंद्र तिवारी ने ‘गुफ्तगू’ संस्था द्वारा आयोजित ‘साहित्य समारोह-2019’ के अंतर्गत कही। आयोजन 09 जून की शाम धूमनगंज स्थित अनंतराज गार्डेन में किया गया, इस दौरान बुद्धिसेन शर्मा को अकबर इलाहाबादी समेत कई रचनाकारों को बेकल उत्साही, सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान और सीमा अपराजिता सम्मान प्रदान किया गया। गुफ्तगू के ‘महिला ग़ज़ल विशेषांक’ और हरीराम मिश्र की पुस्तक ‘माटी क अहक चिरई क चहक’ का विमोचन भी किया गया। श्री तिवारी ने कहा आज समाज को खराब करने का काम किया जा रहा है, कोई भी अच्छा काम करने पर लोग विरोध शुरू कर देते हैं, उसे गलत साबित करने की कोशिश करते हैं, ऐसे माहौल में गुफ्तगू पत्रिका का लगातार 16 वर्षों से संचालन होते रहना बड़ी बात है, ऐसे काम इलाहाबाद जैसे शहर से ही हो सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि गुुफ्तगू पत्रिका को इस विपरीत माहौल में कामयाबी के साथ संचालन करना बड़ी बात है, इस काम की जितनी सरहना की जाए कम है। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि तमाम विपरीत हालात में गुफ्तगू का संचालन चंद अच्छे लोगों के सहायोग से जारी है। हमारी शुरू से ही कोशिश रही है कि बड़े शायरों के साथ नए लिखने वालों को अवसर प्रदान किया जाए। यही वजह है कि तमाम नए लोग उभरकर सामने आए। आज टीम गुफ्तगू के संकल्प के कारण ही यह आयोजन और पत्रिका का संचालन संभव हो रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इक़बाल दानिश ने कहा कि इम्तियाज अहमद गाजी ने अपनी मेहनत और लगन से साहित्य के लिए बड़ा काम किया है और इस काम का तेजी से आगे बढ़ाया है। आज जिन लोगों को सम्मानित किया है, वे सभी बधाई के पात्र हैं। गाज़ियाबाद के डिप्टी एसपी डाॅ. राकेश मिश्र ‘तूफ़ान’, इनकम टैक्स में ज्वाइंट कमिश्नर शिव कुमार राय, नरेश कुमार महरानी, हरीराम मिश्र आदि ने भी लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।
दूसरे दौर में प्रभाशंकर शर्मा, अनिल मानव, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, शिवाजी यादव, शिवपूजन सिंह, देवेंद्र प्रताप वर्मा, योगेंद्र मिश्रा, दीक्षा केसरवानी, फरमूद इलाहाबादी, रेनू मिश्रा, शिवशरण बंधु  हथगामी, प्रदीप सिंह तन्हा, केशव सक्सेना, शैलेंद्र जय, रविशंकर  उपाध्याय, एसपी श्रीवास्तव, अभिनव केसरवानी रवि, नंदिता एकांकी, मुजाहिद लालटेन, अंकुर सहाय अंकुर, अजीत शर्मा आकाश, आशीष पांडेय आदि ने काव्य किया।


इन्हें मिला सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान

इफ़्फ़त ज़हरा रिज़वी (सऊदी अरब), पूजा बहार (नेपाल), सुमय्या राणा ग़ज़ल (लखनऊ), नमिता राकेश (फरीदाबाद), अंजु सिंह गेसू (मेरठ), वीना श्रीवास्तव(रांची), नजमा नाहिद अंसारी (रांची), उर्वशी अग्रवाल उर्वी (नई दिल्ली), स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता (लखनऊ), सुमन ढींगरा दुग्गल(प्रयागराज) और शिबली सना (प्रयागराज)

इन्हें मिला बेकल उत्साही सम्मान

नय्यर आक़िल (प्रयागराज, मरणोपरांत) अरुण आदित्य (अलीगढ़), कैप्टन जैनुल आबेदीन ख़ान (पुणे), फरहत अली खान (अलीगढ़), उबैदुर्रहमान सिद्दीक़ी (गाजीपुर) रचना सक्सेना (प्रयागराज), अख़्तर अज़ीज़ (प्रयागराज) और डाॅ. राम लखन चैरसिया (प्रयागराज) 

इन्हें मिला सीमा अपराजिता सम्मान

शकीला सहर (पुणे), पारो चौधरी (ग़ाज़ियाबाद), कुमारी निधि चौधरी (किशनगंज, बिहार), मधुबाला (प्रयागराज) और अदिति मिश्रा (प्रयागराज) 
                               



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