रविवार, 20 सितंबर 2015

गुफ़्तगू की निरंतरता से कायम किया मिसाल

  सम्मान समारोह और मुशायरे में बोले फिल्म गीतकार इब्राहीम अश्क
  गुफ़्तगू की ओर से 12 लोगों को दिया गया शान-ए-गुफ़्तगू सम्मान
इलाहाबाद। आज से 12 साल पहले शुरू हुई गुफ़्तगू पत्रिका और संस्था ने निरंतरता जारी रखकर आज के दौर में मिसाल कायम किया है। एक-एक करके बड़ी-बड़ी साहित्यिक पत्रिकाएं बंद होती गईं और संस्थाएं चलाने वाले अधिकतर लोग किसी न किसी की चाटुकारिता में लगे हैं, सरकारी संस्थाओं की हालत और खराब है। ऐसे में ‘गुफ़्तगू’ ने ईमानदारी के साथ निरंतर बेहतर काम किया है, इस दौर में यह काम इम्तियाज अहमद गाजी ने अपने नेतृत्व में करके नजीर पेश किया है। यह बात शनिवार की देर शाम धूमनगंज स्थित सुधा वाटिका में साहित्यिक संस्था ‘गुफ़्तगू’ की ओर से आयोजित सम्मान समारोह और मुशायरे में फिल्म गीतकार इब्राहीम अश्क ने बतौर मुख्य अतिथि कही। इस मौके पर देशभर के 12 लोगों को शान-ए-गुफ्तगू सम्मान प्रदान किया गया। अपने संबोधन में इब्राहीम अश्क ने आगे कहा कि वर्तमान समय में अदब का बहुत बुरा हाल है, आम जनता साहित्य से दूर हो रही है और दूसरी ओर मठाधीश टाइप के साहित्यकार सबकुछ चौपट करने में जुटे हुए हैं। मामूली-मामूली फायदे के लिए अपना ज़मीर बेचने को तैयार बैठे हैं। फिल्म इंडस्टी का भी बुरा हाल है, नकली और बनावटी टाइप के लोगों का ही बोलबाला है, गीत के नाम पर अनाप-शनाप की चीजें प्रस्तुत की जा रही हैं। नकली शायरों का भरमार है, जो वास्तविक शायरों का शोषण करने में जुटे हुए हैं। 
साहित्यकार शैलेंद्र कपिल ने कहा कि यह समारोह अदब की दुनिया के लिए बेहद शानदार और उल्लेखनीय है। ऐसे ही कार्यों के लिए इलाहाबाद जाना जाता रहा है। अच्छी बात है कि ‘गुफ़्तगू’ साहित्य के लिए निरंतरता से कार्य कर रही है। इसके संस्थापक इम्तियाज अहमद गाजी ने बिना किसी संसाधन के ही कार्य करके दिखा दिया है जो अन्य लोगों के लिए मिसाल है। डॉ. पीयूष दीक्षित, डॉ. डीआर सिंह, मुकेश चंद्र केसरवानी ने अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पं. बुद्धिसेन शर्मा और संचालन इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने किया। दूसरे  दौर में मुशायरे का आयोजन किय गया। जिसमें नरेश कुमार महारानी, प्रभाशंकर शर्मा, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, शिवपूजन सिंह, अनुराग अनुभव, रोहित त्रिपाठी रागेश्वर, लोकेश श्रीवास्तव, शैलेंद्र जय, आदि ने कलाम पेश किया।
इन लोगों को मिला शान-ए-गुफ़्तगू सम्मान
अरुण अर्वण खरे (भोपाल), ओम प्रकाश यती (नोएडा), नवाब शाहाबादी, (लखनउ), डॉ. वारिस पट्टवी (फतेहपुर), सुहैल खान (गा़ज़ीपुर), स्नेहा पांडेय (बस्ती), इश्क़ सुल्तानपुरी (सुल्तानपुर), राधेश्याम  भारती (इलाहाबाद), डॉ. विक्रम (गोरखपुर), फ़रमूद इलाहाबादी (इलाहाबाद), नरेश कुमार महरानी (इलाहाबाद) और  रमेश नाचीज़ (इलाहाबाद) 

कार्यक्रम को संबोधित करते डॉ. पीयूष दीक्षित
कार्यक्रम का संचालन करते इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
कर्यक्रम को संबोधित करते इब्राहीम अश्क
कार्यक्रम को संबोधित करते बुद्धिसेन शर्मा
कार्यक्रम को संबोधित करते शैलेंद्र कपिल
डॉ नवाब शाहाबादी को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
अरुण अर्णव खरे को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
ओम प्रकाश यती को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
इश्क़ सुल्तानपुरी को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
फ़रमूद इलाहाबादी को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
सोहेल ख़ान को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
राधे श्याम भारती को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
डॉ वारिस अंसारी को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
स्नेहा पांडेय को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क
डॉ विक्रम को सम्मानित करते इब्राहीम अश्क

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें