बुद्धिसेन हमारे समय के ख़ास शायर: लालजी शुक्ल
‘बुद्धिसेन शर्मा जन्मोत्सव-2025’ के मौके पर छह लोगों को मिला सम्मान
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| बुद्धिसेन शर्मा अवार्ड पाने वाले लोग। |
प्रयागराज। बु़िद्धसेन शर्मा जी हमारे समय के ख़ास शायर हैं, उनकी लिखी हुई ग़ज़लें आज विभिन्न मौके पर लोगों द्वारा कोट की जाती हैं। उनके परिवार में कोई नहीं है, इसके बावजूद उनका जन्मोत्सव मनाया जाना बहुत बड़ी बात है। उनके शिष्य डॉ. केके मिश्र उर्फ़ इश्क़ सुल्तानपुरी के प्रयास से यह आयोजन प्रति वर्ष किया जा रहा है। यह कार्य गुफ़्तगू संस्था द्वारा किया जाता है। बुद्धिसेन शर्मा को इस तरह याद किया जानाा आज के समय में बेहद उल्लेखनीय और सराहनीय है। डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने गुफ़्तगू के जरिए साहित्य को बेहतर ढंग से मूल्यांकिन और रेखांकित जाना हमारे शहर की ख़ास पहचान दिख रही है। यह बात 26 दिसंबर 2025 की शाम कटरा स्थित पुस्तक मेेले में गुफ़्तगू संस्था द्वारा आयोजित ‘बुद्धिसेन शर्मा जन्मोत्सव-2025’ के दौरान मुख्य अतिथि पूर्व एसएसपी लालजी शुक्ल ने कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि 23 वर्ष पूर्व स्थापित गुफ़्तगू संस्था ने अपने कार्यक्रमों के द्वारा देश में जो अपनी पहचान बनायी है, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। जब इस संस्था की शुरूआत हुई थी तब यह अंदाजा नहीं था कि यात्रा इतनी लंबी और शानदार होगी।
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| गुफ़्तगू के नवीनतम अंक का किया गया विमोचन |
गुफ़्तगू के अध्यक्ष डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ा़जी ने कहा कि बुद्धिसेन शर्मा हमारे समय के उल्लेखनीय शायर हैं। इसलिए इनको भुलाया नहीं जा सकता है। उनकी शायरी को हमेशा से प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास हम करते रहे हैं। सिविल डिफेंस के चीफ वार्डेन अनिल कुमार ‘अन्नू भइया’, ग़ाज़ीपुर के डाक अधीक्षक मासूम रज़ा राशदी, विनोद कुमार सिन्हा ‘विरल’, देवी प्रसाद मिश्र, नरेश कुमार महरानी, हकीम रेशादुल इस्लाम, अफ़सर जमाल और डॉ. एस.एम. अब्बास ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन शैलेंद्र जय ने किया। इस मौके पर छह लोगों को बुद्धिसेन शर्मा अवार्ड प्रदान किया गया, साथ ही गुफ़्तगू के नये अंक का विमोचन भी किया गया।
दूसरे दौर में कवि सम्मेलन-मुशायरा का आयोजन किया गया। रचना सक्सेना, संजय सक्सेना, अशोक श्रीवास्तव ‘कुमुद’, शिवाजी यादव, अनिल मानव, नीना मोहन श्रीवास्तव, मंजुलता नागेश, दयाशंकर प्रसाद, धीरेंद्र सिंह नागा, सुनील दानिश, श्रीरंग पांडेय, शिबली सना, पीयूष मिश्र, डॉ. सरस्वती प्रसाद पांडेय, हनीफ़ मछलीशहरी, रामकृष्ण शर्मा, हरीश वर्मा ‘हरि’ अरुणिमा बहादुर खरे, रंजना, क्षमा द्विवेदी आदि ने कलाम पेश किया।
इन्हें मिला बुद्धिसेन शर्मा अवार्ड
सरिता गर्ग सरि, इबरत मछलीशहरी, अरविन्द सिंह, संजय पांडेय, राजेश वर्मा और राज जौनपुरी



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