गुफ़्तगू के जनवरी-मार्च 2024 अंक मेें
4. संपादकीय (बेहतर समाज के निर्माण का प्रयास हो)
5-7. अब कोई दूसरा मुनव्वर नही होने वाला - डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
8-9. ‘बाघ’ के बहाने नावलियात पर गुफ़्तगू- डॉ. अब्दुलर्रहमान फ़ैसल
10-15. दास्तान-ए-अदीब: फ़ारूक़ी साहब ने बेदियों को खुद दी इस्लाम की शिक्षा- डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
16-23. ग़ज़लें (देवी नागरानी, गौतम राजऋषि, मुनव्वर अली ताज, डॉ. राकेश तूफ़ान, विजयलक्ष्मी विभा, राजेंद्र वर्मा, शमा फिरोज़, नवीन माथुर पांचोली, ऋतु अग्रवाल, सत्यम भारती, अना इलाहाबादी, डॉ. वारिस अंसारी, ज़फ़र सिद्दीक़ी, गीता चौबे ‘गूंज’, प्रदीप बहराइची, आ.पी.सोेनकर)
24-31. कविताएं (अमर राग, यश मालवीय, डॉ. प्रमिला वर्मा, श्रीरंग, मिठाई लाल जायस, अब्दुर्रहमान फैसल, अरविन्द असर, सुनीता श्रीवास्तव, मधुकर वनमाली, केदारनाथ सविता, मंजू लता नागेश, सीमा शिरोमणि, आशा झा)
32-36, इंटरव्यू : बद्री नारायण
37-41. चौपाल: वर्तमान समय में मीडिया की भूमिका
42-45. तब्सेरा (यादों का गुलदस्ता, श्रीमद्भागवतगीता, शम’अ-ए-फ़रोजां, मेरा हक़,)
46-48. उर्दू अदब (तनक़ीदी अवराक़, काविेश-ए-तलत, सहरा में शाम)
49-50. ग़ाज़ीपुर के वीर: गुलाम रब्बानी
51-56. अदबी ख़बरें
58-86. परिशिष्ट -1 इंदू सिन्हा ‘अशोक’
57. इंदू सिन्हा का परिचय
58. अतीत की प्रतीति कराती कविताएं - डॉ. इश्क़ सुल्तानपुरी
59. कविता के माध्यम से समाज की बात - शैलेंद्र जय
60-62. भावों को साकार करती इंदू सिन्हा की कविताएं - सीमा वर्णिका
63-86. इंदू सिन्हा ‘अशोक’ की कविताएं
87-119. परिशिष्ट-2: डॉ. रामावतार मेघवाल ‘सागर’
87. डॉ. रामावतार मेघवाल ‘सागर’ का परिचय
88-89. शब्द विन्यास और संयोजन में अद्भूत तालमेल - डॉ. मधुबाला सिन्हा
90-91. विसंगतियों की परतें खोलती ग़ज़लें - रचना सक्सेना
92-93. सहज, सरल, अनूठे अंदाज़ के कवि - जयचंद्र प्रजापति
94-119. डॉ. रामावतार मेघवाल सागर की ग़ज़लें और गीत
120-152.परिशिष्ट- 3 : सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़़राज़़
120. सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़़राज़़ का परिचय
121-122. लगे रहते हो हरदम शायरी - अरविन्द असर
123-124. पीतल नगरी से शायरी का चमकता सोना- शिवाशंकर पांडेय
125-126. फ़राज़ की ग़ज़लों मेें बहुरंगी इश्क़- प्रदीप बहराइची
127-152. सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़़राज़़ की ग़ज़लें
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