गुफ़्तगू के अक्तूबर-दिसंबर 2023 अंक में
4. संपादकीय ( खुद का अचारण पहले ठीक करें )
5-6. देश के अधिकतर मीडिया संस्थानों ने बेचे हैं अपना इमान - अनिल भास्कर
7-9. मंच पर काबिज हैं कविता के हत्यारे - यश मालवीय
10. तपते रेगिस्तान पर पहली बारिश की फुहार - डॉ. मधुबाला सिन्हा
11-20. ग़ज़लें (मुनव्वर राना, आबिद बरेलवी, डॉ. लक्ष्मण शर्मा ‘वाहिद’, अरविन्द असर, खुरशीद खैराड़ी, शादाब शब्बीरी, शैलेंद्र जय, सरफ़राज अशहर, डॉ. राकेश तूफ़ान, मासूम रज़ा राशदी, शिवसागर ‘सहर’, धर्वेन्द्र सिंह ‘बेदार’, नियाज़ कपिलवस्तुवी, नवीन माथुर पांचोली, डॉ. सगीर अहमद सिद्दी़क़ी, इंदु मिश्रा ‘किरण’, डॉ. शबाना रफ़ीक़, मंजुलशरण मनु, धीरेंद्र सिंह नागा, मधुकर वनमाली)
21-24. कविताएं ( अंशु मालवीय, डॉ. वीरेंद्र कुमार तिवारी, मधुबाला सिन्हा, अरुणिमा बहादुर खरे, ऋतिका रश्मि, केदारनाथ सविता, सीमा शिरोमणि )
25-29. इंटरव्यू: सामाजिक सौहार्द में कविता का बहुत बड़ा रोल - डॉ. अखिलेश मिश्र
30-36. चौपाल: वर्तमान समय में मीडिया की भूमिका
37-42. तब्सेरा 21वीं सदी के इलाहाबादी, प्रीति धारा, अब और नहीं, रोजनामचा, राबर्ट गिल पारो
43-44. उर्दू अदब मौलवी अली हुसैन आसिम बिहारी, नक़्श-ए-नव
45-46. गुलशन-ए-इलाहाबाद: फ़रमान अहमद नक़वी
47-48. ग़ाज़ीपुर के वीर: डॉ. सय्यद महमूद
49-53. अदबी ख़बरें
54-83. परिशिष्ट: कामिनी भारद्वाज
54. कामिनी भारद्वाज का परिचय
55. अंतर्मिहित उद्देश्यों को समाहित करती कविताएं - डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’
56-58. जीवन के विविध रंगों की चितेरी कामिनी - रचना सक्सेना
59-60. विविध आयामों को दर्शाती कविताएं - शिवाजी यादव
61-83. कामिनी भारद्वाज की कविताएं
परिशिष्ट - 2: एस. निशा सिम्मी 84-113
84. एस. निशा सिम्मी का परिचय
85-86. कविताई में खुश्बू बिखेरता फूलों का गुलस्ता- शिवाशंकर पांडेय
87. कोमल मनोभावों को प्रभावित करता काव्य - शगुफ्ता रहमान
88. खूबसूरत ख़्यालों से परिपूर्ण शायरी - साजिद अली सतरंगी
89-113. एस. निशा सिम्मी की कविताएं
114-144. परिशिष्ट-3: सम्पदा मिश्रा
114. सम्पदा मिश्रा का परिचय
115-116. खूबसूरती से उकेरी गई कविताएं - डॉ. मधुबाला सिन्हा
117-118. सिलसिलेवार ढंग से अभिव्यक्त होती कविताएं- शैलेंद्र जय
119-121. कविताओं में मनन और चिंतन - नीना मोहन श्रीवास्तव
122-144. एस. निशा सिम्मी की कविताएं