शनिवार, 10 सितंबर 2022

यूपी एसटीएफ के संस्थापक सदस्य राजेश पांडेय

                                        

राजेश पांडेय

             

                                                                           -इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी

      प्रयागराज निवासी आईपीएस राजेश पांडेय यूपी एसटीएफ और एटीएस के संस्थापक सदस्य हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने जब श्रीप्रकाश शुक्ला को पकड़ने के लिए एसटीएफ की स्थापना किया था, तब बनी इस टीम में राजेश पांडेय भी शामिल थे। मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए राजेश पांडेय की अगुवाई में यूपी एसटीएफ की टीम ने ग़ाज़ियाबाद में श्रीप्रकाश शुक्ला को एनकाउंटर किया था। 15 जून 1961 को जन्मे राजेश पांडेय के पिता स्वर्गीय श्री सीपी पांडेय इलाहाबाद हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्टार थे। राजेश जी ने इलाहाबाद जीआईसी से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण किया था। 1980 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी और 1982 में इसी यूनिवर्सिटी से वनस्पति विज्ञान से एएससी किया। इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ही यूजीसी नेट और जेआरएफ किया। वर्ष 2003 में एसपीएस में चयनित होकर पुलिस सेवा से जुड़ गए। इनकी पहली नियुक्ति सोनभद्र जिले में डिप्टी एसपी के पद पर हुई, इसके बाद इसी पद पर जौनपुर, आज़मगढ़ और लखनऊ में कार्यरत रहे।

 17 मई 1998 को एसटीएफ की स्थापना के साथ ही इन्हें इसी डिपार्टमेंट में भेज दिया गया। 08 जनवरी 2000 को इसी विभाग में एडीशनल एसपी बना दिए गए। 10 मार्च 2000 से 23 जुलाई 2002 तक लखनऊ के एसपी सिटी रहे, 03 नवंबर 2002 से 15 फरवरी 2003 तक एसपी सिटी ग़ाज़ियाबाद और 26 सितंबर 2003 से 12 फरवरी 2005 तक बाराबंकी और 02 जून 2007 से 10 दिसंबर 2007 तक मेरठ के एसपी सिटी रहे। 05 जुलाई 2005 को अयोध्या और 07 मार्च 2006 को वाराणसी में हुई आतंकी घटनाओं के बाद आपको इन घटनाओं की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसका आपने सफलता पूर्वक निर्वहन किया। दिसंबर 2012 में आप आईपीएस हो गए, जिसके बाद  आपकी पहली नियुक्ति रायबेरली एसपी के रूप में हुई, जहां 08 जून 2014 तक कार्यरत रहे। इसके बाद एसएसपी सहारनपुर, एसपी गोंडा, एसएसपी लखनऊ, एसएसपी अलीगढ़ और एसएसपी मेरठ के रूप मे कार्य किया, फिर आपको डीआईजी बरेली बनाया गया। 01 जनवरी 2021 को प्रोन्नत कर आप आईजी हो गए। 30 जून 2021 को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आपको यूपी एक्सप्रेस-वे इंडस्टीयल डेवलेपमेंट अथॉरिटी का नोडल अधिकारी बना दिया है, जहंा वर्तमान में कार्यरत हैं।

 आपको अब तक विभिन्न एवार्ड्स से नवाजा जा चुका है। जिनमें 1999, 2000. 2007 और 2006 में इंडियन पुलिस सेवा मेडल, 2005 में राष्टपति के हाथों मेडल, 2008 में यूनाइटेड नेशन मेडल, 2018 में डीजीपी के हाथों सिल्वर कॉमेंडेशन डिस्क, 2020 में डीजीपी के हाथों गोल्ड कॉमेंडेशन डिस्क, और 2021 में डीजीपी के हाथों प्लेटिनम कॉमेंडेशन डिस्क सम्मान शामिल है। साहित्यिक संस्था गुफ़्तगू द्वारा इन्हें वर्ष 2022 को ‘शान-ए-इलाहाबाद सम्मान’ प्रदान किया गया है। 


(गुफ़्तगू के अप्रैल-जून 2022 अंक में प्रकाशित )


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