शनिवार, 23 अप्रैल 2022

अशोक स्नेही की कविताएं अतुलनीय हैं: यश मालवीय

 अशोक स्नेही की पुस्तक ’मैं भी सूरज होता’ का हुआ विमोचन

डॉ. खेतान, राजेश समेत सात को मिला ‘शान-ए-इलाहाबाद सम्मान’


प्रयागराज। अशोक कुमार स्नेही की कविताएं अतुलनीय हैं, उन्होंने अपनी एक कविता में जिस प्रकार से राम और तुलसी की तुलना करते थे, वह बेहद ख़ास और बेहद मार्मिक है, इस तरह की तुलना करना हर किसी के बस की बात नहीं है। स्नेही जी बेहद मार्मिक और संवेदनशील कवि थे, आज उनके परिवार और गुफ़्तगू की तरफ से जिस तरह उन्हें याद किया जा रहा है, वह आज के समय के लिए बहुत ही ख़ास है। यह बात मशहूर गीतकार यश मालवीय ने 18 अप्रैल को हिन्दुस्तानी एकेडेमी में गुफ्तगू की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम के दौरान अशोक कुुमार स्नेही की पुस्तक ‘मैं भी सूरज होता’ और गुफ्तगू के नए अंक का विमोचन किया गया, साथ ही सात लोगों को ‘शान-ए-इलाहाबाद सम्मान’ प्रदान किया गया।



 मुख्य अतिथि जौनपुर के एसपी सिटी जितेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि आज प्रयागराज में आकर गुफ़्तगू के कार्यक्रम में शामिल होकर एहसास हुआ कि वाकई यह शहर साहित्य का है। आज के मौके पर पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जो बहुत ही तार्किक और प्रभावशाली है। सरस्वती पत्रिका के संपादक रविनंदन सिह ने कहा कि स्नेही जी ने जिस तरह की कविताओं का सृजन किया है, आज के लोगों के मिसाल कहैं, ऐसे काव्य की ही आज समय में जरूरत हैं। गुफ़्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि स्नेही जी की कविताएं इतनी मार्मिक होती हैं कि जब से खुद पढ़ते थेे तो रोने लगते थे। अशोक कुमार स्नेही की पुत्री अलका श्रीवास्तव ने कहा कि मेरे पिता ने हमेशा सच और साहित्य को जिया था, उनके जाने के बाद उनकी रचनाओं को सहेजना और प्रकाशित करवाना हमारी जिम्मेदारी है। अध्यक्षता कर रहे श्रीराम मिश्र उर्फ तलब जौनपुरी ने कहा कि स्नेही जी ख़ासकर नए लोगों के लिए प्रेरणादायक थे, वे नए लोगों को खूब प्रोत्साहित करते थे। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।

दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अनिल मानव, प्रभाशंकर शर्मा, नीना मोहन श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, डॉ. नीलिमा मिश्रा, नायाब बलियावी, ललिता पाठक नारायणी, विजय लक्ष्मी विभा, डॉ. अमरजीत, गीता सिंह, रचना सक्सेना, राकेश मालवीय, प्रेमा राय, जया मोहन, बिहारी लाल अम्बर, विक्टर इलाहाबादी, जगदीश कौर, अपर्णा सिंह, अजय प्रकाश, शाहीन खुश्बू, सम्पदा मिश्रा आदि ने काव्य पाठ किया। मनीष कुमार श्रीवास्तव, राहुल कुमार श्रीवास्तव, मोनिका श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, सोनिका श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, दीपा श्रीवास्तव और अमल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

इन्हें मिला ‘शान-ए-इलाहाबाद सम्मान’


अशोक कुमार स्नेही (मरणोपरांत), आईपीएस राजेश पांडेय, डॉ. प्रकाश खेतान, राजेंद्र सिंह बेदी, अनिता गोपेश, डॉ. तारिक़ महमूद, हकीम रेशादुल इस्लाम

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