शनिवार, 24 नवंबर 2012

चार शायरों को अकबर इलाहाबादी सम्मान

सम्मान समारोह का ग्रुप फोटो, बायें से- वीनस केसरी, इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी, नरेश कुमार ‘महरानी’,एम.ए. क़दीर, एसएमए काज़मी, नवाब शाहाबादी, फ़रमूद इलाहाबादी, राजेश राज़, सरफ़राज़ अहमद ‘आसी’, मुनेश्वर मिश्र, अखिलेश सिंह और शिवपूजन सिंह
इलाहाबाद। अबकर इलाहाबादी की शायरी एक मिसाल है, उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के दौर में बेबाक शायरी की और अपने कलम से अपने उद्गार व्यक्त करते हुए अंग्रेजी हुकूमत की बखिया उधेड़ दी। आज भी उर्दू साहित्य में अकबर से बड़ा हास्य-व्यंग्य का कोई  दूसरा शायर नहीं है। यह बात प्रदेश सरकार के पूर्व महाधिवक्ता एमएमए काज़मी ने कही। वे 16 नवंबर को हिन्दुस्तानी एकेडेमी में अकबर इलाहाबादी के जन्म दिन पर आयोजित ‘गुफ्तगू’ के कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम के दौरान लखनउ के नवाब शाहाबादी, गोरखपुर के राजेश राज, गाजीपुर के सरफराज आसी  और इलाहाबाद के फरमूद इलाहाबादी को ‘अकबर इलाहाबादी सम्मान’ से नवाजा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर एम.ए. क़दीर ने कहा कि अबकर की जयंती पर ‘गुफ्तगू’ द्वारा किया गया यह आयोजन बेहद सराहनीय है, इलाहाबाद में बहुत सी संस्थाएं हैं लेकिन अबकर की याद में कोई कार्यक्रम नहीं किया जाता, जबकि अकबर देश के सबसे बड़े हास्य-व्यंग्य शायर हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि अकबर इलाहाबादी के तमाम शेर मुहावरों की तरह पत्रकारिता की दुनिया में इस्तेमाल किये जाते हैं, लेकिन इलाहाबाद में ही साहित्यिक विरादरी उनकी उपेक्षा करती दिख रही है, उनके पुण्य तिथि और जन्म दिन पर भी उन्हें ठीक ढंग से याद नहीं किया जाता है, यह हमारे लिये अफसोस की बात है। पूर्व सभासद अखिलेश सिंह ने कहाकि नयी पीढ़ी भारतीय तहज़ीब से दूर होती जा रही है,  साहित्यि से बढ़ रही दूरी के कारण यह बुराई पैदा होने लगी है, इसे दूर करने की आवश्यकता है। एहतराम इस्लाम, रविनंनद सिंह और शाहनवाज आलम ने अबकर इलाहाबादी के व्यक्तित्व और कृतित्व को रेखांकित करते हुए आलेख पढ़े। कार्यक्रम का संचालन गुफ्तगू के संस्थापक इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने किया।
 कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें सरवर लखनवी, शिवशरण बंधु, अहकम गाजीपुरी, सौरभ पांडेय, वीनस केसरी, नरेश कुमार महरानी, अजय कुमार, स्नेहा पांडेय, सागर होशियापुरी, शादमा जैदी शाद, अनुराग अनुभव, नीतिश,सुशील द्विवेदी,अमनदीप सिंह, सनी सिंह,सतीश कुमार यादव,राना प्रताप सिंह,सलाह ग़ाज़ीपुरी, विमल वर्मा,पीयूष मिश्र,मिसदाक आज़मी आदि ने कलाम पेश किया। अंत में कार्यक्रम के संयोजक शिवपूजन सिंह ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।
राजेश राज को अकबर इलाहाबादी सम्मान प्रदान करते एम.ए. क़दीर, एस.एम.ए. काज़मी, अखिलेश सिंह और मुनेश्वर मिश्र
नवाब शाहाबादी को अकबर इलाहाबादी सम्मान प्रदान करते एस.एम.ए. काज़मी, एम.ए. क़दीर,अखिलेश सिंह और मुनेश्वर मिश्र
फ़रमूद इलाहाबादी को अकबर इलाहाबादी सम्मान प्रदान करते एम.ए. क़दीर,एस एम ए काज़मी, मुनेश्वर मिश्र और अखिलेश सिंह
सरफ़राज आसी को अकबर इलाहाबादी सम्मान प्रदान करते एम. ए. क़दीर और एस एम ए काज़मी

संचालन करते गुफ्तगू के  संस्थापक इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी

वक्तव्य देते इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम ए क़दीर
वक्तव्य देते पूर्व महाधिवक्ता एम एम ए काज़मी

वक्तव्य देते वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र
वक्तव्य देते अखिलेश सिंह

अकबर इलाहाबादी पर वक्तव्य देते एहतराम इस्लाम

अकबर इलाहाबादी पर वक्तव्य देते रविनंदन सिंह

अकबर इलाहाबादी पर वक्तव्य देते शाहनवाज़ आलम

काव्य पाठ करते नवाब शाहाबादी

काव्य पाठ करते फ़रमूद इलाहाबादी
काव्य पाठ करते सरफ़राज आसी

काव्य पाठ करते राजेश ‘राज़’

काव्य पाठ करते अहकम ग़ाज़ीपुरी

काव्य पाठ करते मिसदाक आज़मी

काव्य पाठ करते सलाह ग़ाज़ीपुरी
काव्य पाठ करते सरवर लखनवी

काव्य पाठ करते शिवशरण बंधु
काव्य पाठ करते सौरभ पांडेय

काव्य पाठ करतीं शादमा ज़ैदी शाद

काव्य पाठ करते वीनस केसरी

काव्य पाठ करते राणा प्रताप सिंह
काव्य पाठ करते सतीश कुमार यादव
काव्य पाठ करते विमल वर्मा
काव्य पाठ करते अजय कुमार
काव्य पाठ करते अनुराग अनुभव
काव्य पाठ करते अमनदीप सिंह
काव्य पाठ करते अवधेश यादव
काव्य पाठ करते पीयूष मिश्र
काव्य पाठ करते सुशील द्विवेदी

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