बुधवार, 13 फ़रवरी 2019

गुफ्तगू के (जनवरी मार्च -2019 अंक) दोहा विशेषांक में


3. संपादकीय (हमेशा से लोकप्रिय रहा है दोहा)
4.डाक
5-9. दोहा छंद विधान: डाॅ. विपिन पांडेय
10-11. दोहा: प्राचीन काल के आधुनिक काल तक: डाॅ. विधा माधवी

12-16. हिन्दी और अन्य भाषाओं में दोहा की स्वीकार्यता: पवन कुमार
17. उर्दू शायरी में दोहे का चलन: सालेहा सिद्दीक़ी

18-20. (ख़ास दोहे) कबीरदास, गोस्वामी तुलसीदास, रहीम, रसखान, अमीर खुसरो, भारतेंदु हरीशचंद्र, बिहारी, बाबा नागार्जुन, बेकल उत्साही, निदा फ़ाज़ली, गोपाल दास नीरज, कैलाश गौतम
21-55. (दोहा) हरेराम समीप, दिनेश शुक्ल, डाॅ. राधेश्याम शुक्ल, डाॅ. देवेंद्र आर्य, देवी नागरानी, डाॅ. बुद्धिनाथ मिश्र, अशोक अंजुम, हस्तीमल हस्ती, इब्राहीम अश्क, बुद्धिसेन शर्मा, यश मालवीय, अख़्तर अज़ीज़, जय चक्रवर्ती, रमेश शर्मा, राजपाल सिंह गुलिया, इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी, सौरभ टंडन, प्रदीप बहराइची, विजेंद्र शर्मा, आलोकेश्वर चबडाल, अरुण अर्णव खरे, डाॅ. भारती वर्मा बौड़ाई, डाॅ. जेपी बघेल, अमन चांदपुरी, डाॅ. राशि सिन्हा, सुनील दानिश, डाॅ. विपिन पांडेय, अजीत शर्मा आकाश, डाॅ. शैलेष गुप्ती वीर, संदीप सरस, अरविंद असर, डाॅ. गोपाल राजगोपाल, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, विकास भारद्वाज सुदीप, चक्रधर शुक्ल, शिवशरण बंधु, अतिया नूर, राजकुमारी रश्मि, शुभा शुक्ला मिश्रा अधर, डाॅ. ज्योत्सना शर्मा, पीयूष कुमार द्विवेदी पूतू, शिवेंद्र मिश्र शिव, प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम, डाॅ. रंजीता समृद्धि, उषा लाल, डाॅ. माणिक विश्वकर्मा नवरंग, नीता अवस्थी, अनामिका सिंह अना, शिव नारायण शिव, गरिमा सक्सेना, अंकुर सहाय अंकुर, सुनीता कंबोज, आशा खत्री लता, डाॅ. मंजू जौहरी मधुर, शशिकांत गीते, राम शिरोमणि पाठक, डाॅ. वारिस अंसारी, गाफिल स्वामी, बेगराज कलवांसियाा टुकडा, मनोज जैन मधुर, नरेश कुमार महरानी, डाॅ. रवि शर्मा मधुर, अंजलि सिफर, पुष्पलाल शर्मा, पीयूष मिश्र पीयूष, अवधेश कुमार रजत, सोनिया वर्मा, बाबा बैद्यनाथ झा, शिवकुमार दीपक, सरिता गुप्ता
56-59. इंटरव्यू (हरेराम समीप ‘नेपा’ से डाॅ. गणेश शंकर श्रीवास्तव)
60-62. चैपाल-1: सामाजिक सरोकारों की अभिव्यक्ति में दोहों की उपयोगिता
63-65. चैपाल-2: आपके अपनी अभिव्यक्ति के लिए प्रमुख रूप से दोहे को ही माघ्यम क्यों बनाया ?

66-67. तब्सेरा (जैसे, खिड़की भर आकाश, उठने लगे सवाल, सबै भूमि गोपाल की, इस पानी में आग - इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी)
69. तब्सेरा (एहसास-ए-ग़ज़ल- सालेहा सिद्दीक़ी)
70. तब्सेरा (बस हमारी जीत हो- डाॅ. इंदु जौनपुरी)
71-76. अदबी ख़बरें
77. गुलशन-ए-इलाहाबाद (नीलकांत)
78-79. ग़ाज़ीपुर के वीर (खान बहादुर मंसूर अली) 
80-108. परिशिष्ट: रामचंद्र राजा
80. राम चंद्र राजा का परिचय
81-82. दोहे के जरिये मानवता की बात: प्रिया श्रीवास्तव ‘दिव्यम’
83-84. बसंू संगम तीर: डाॅ. अनुराधा चंदेल ओस
85-108. राम चंद्र राजा के दोहे

109-136. परिशिष्ट: राम लखन चौरसिया
109. राम लखन चौरसिया का परिचय
110-112. ताजा हवा का खुशनुमा झोंका: शिवाशंकर पांडेय
113-114. आदमी से बातचीत करते दोहे: भोलानाथ कुशवाहा
115-136. डाॅ. राम लखन चौरसिया के दोहे

2 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

बहुत बहुत बढ़िया

शिव कुमार 'दीपक' ने कहा…

बेहतरीन दोहा विशेषांक ,हार्दिक बधाई

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