सोमवार, 17 नवंबर 2014

गुफ्तगू के संयुक्तांक (सितंबर-दिसंबर- 2014 अंक में )

 3.ख़ास ग़ज़लें (मज़रूह सुल्तानपुरी, शकेब जलाली, मेराज फ़ैज़ाबादी, दुष्यंत कुमार)
4-5.संपादकीय (समाज में कहां खड़ा है साहित्यकार )
6. आपकी बात
ग़ज़लें
7.बशीर बद्र, प्रो.वसीम बरेलवी, मुनव्वर राना, एम.ए. क़दीर
8.असद अली असद, हसनैन मुस्तफ़ाबादी, आशीष त्रिवेदी, श्याम सख़ा श्याम
9.अजीत शर्मा ‘अकाश’,अख़्तर अज़ीज़,सागर होशियरपुरी, किशन स्वरूप
10.ज़फ़र मिर्ज़ापुरी, वारिस अंसारी पट्टवी, किशन स्वरूप, भारत भूषण जोशी
11.जयकृष्ण राय तुषार, दीपक दानिश, आर्य हरीश कोशलपुरी, माया सिंह माया
12.मोहम्मद बिलाल खा, मोहम्मद एजाज़ फ़ारूक़ी, विनीत कुमार मिश्र, इरशाद अहमद बिजनौरी
13.श्यामी श्यामानंद सरस्वती, गौतम राजरिशी, खुर्शीद खैराडी, इश्क़ सुल्तानपुरी
कविताएं
14.सरदार ज़ाफ़री, कैलाश गौतम
15.शैलेंद्र जय, भोलानाथ कुशवाहा
16.रोहित त्रिपाठी ‘रागेश्वर’,विवेक अंजन श्रीवास्तव
17.शुभम श्रीवास्तव ‘ओम’,फिरदौस ख़ान
18-19. तआरुफ़: पीयूष मिश्र ‘पीयूष’
20-21. चौपाल: क्या प्रलेस अपने मूल उद्देश्यों से भटक गया है
23-24. विशेष लेख: सांप्रदायिक दंगे और उनका इलाज-सरदार भगत सिंह
25-26. इंटरव्यू: गुलजार
27-28. गुलशन-ए-इलाहाबाद: प्रो. अमर सिंह
29-33. तब्सेरा (दुल्हन फिर शरमाई क्यों, ग़ज़ल धुन, सदी को सुन रहा हूं मैं, अर्चना के फूल, मीडिया हूं मैं )
34-40.अदबी ख़बरें
40-45.ओम प्रकाश यती के सौ शेर
45-47. अंबेडकर नगर के प्रमुख साहित्यकार
48-49.इल्मे क़ाफ़िया (उर्दू) भाग-5
50-52. कहानी- बहरूपिए- इश्तियाक़ सईद
53-80. परिशिष्ट- असरार नसीमी
53. असरार नसीमी का परिचय
54-55. मगर इस फ़न में दुश्वारी बहुत है- रविनंदन सिंह
56.अस्रे जदीद का असर अंदाज़ शायर-रणधीर प्रसाद गौड
57-58. असरार नसीमी अपने शायरी के आइने में-सरदार ज़िया
59. असरार नसीमी मेरी नज़र में- एम. हसीन हाशमी
60-64. अल्फ़ाज़ की रोशनी का शायर-डा. शाहनवाज़ आलम
65.वक़्त के साथ चल रही शायरी- नाज़िया ग़ाज़ी
66-80. असरार नसीमी के कलाम


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