गुरुवार, 10 मई 2012

‘तरही मुशायरा’ स्तंभ की शुरुआत


गुफ़्तगू पत्रिका द्वारा अप्रैल- जून 2012 (अंक – 34) से ‘तरही मुशायरा’ स्तंभ की शुरुआत की जा रही है, प्राप्त ग़ज़लों में से सर्वश्रेष्ठ दो ग़ज़लों को पुरुस्कृत किया जायेगा और पुरूस्कार स्वरूप गुफ्तगू पत्रिका की 5 साल की सदस्यता प्रदान की जायेगी यदि पुरुस्कृत शायर पहले से गुफ़्तगू पत्रिका के सदस्य होंगे तो गुफ्तगू पब्लिकेशन से प्रकाशित 200 रु मूल्य की साहित्यिक पुस्तक भेंट की जायेगी| तथा पत्रिका के अगले अंक में दोनों पुरुस्कृत ग़ज़लें तथा 10 अन्य श्रेष्ठ ग़ज़लों को प्रकाशित किया जायेगा|

अगले अंक के लिए मिसरा-ए-तरह =

‘लो अब तुम्हारी राह के दीवार हम नहीं’
221 2121 1221 212
बह्र -ए- मुजारे मुसम्मन अखरब मक्फूफ़ महजूफ
मफऊलु फाइलातु मफाईलु फाइलुन
रदीफ: हम नहीं
काफिया: आर (दीवार, इन्कार, बीमार, तलबगार, खतावार आदि)

ग़ज़ल भेजने की अंतिम तिथि = 30 जून 2012

ग़ज़ल भेजने की शर्त -
1- ग़ज़ल उपरोक्त मिसरा -ए- तरह के अनुरूप हो
2- ग़ज़ल अरूजानुसार दुरुस्त हो तथा अन्य दोष से भी मुक्त हो
3- कम से कम 5 तथा अधिकाधिक 7 शेर हों
4- ग़ज़ल में मक्ता न हो अर्थात अंतिम शेर में तखल्लुस (उपनाम) का प्रयोग न किया गया हो
5- ग़ज़ल में मिसरा-ए-तरह पर गिरह का शेर अवश्य हो, यह ध्यान रहे कि मिसरे की गिरह मतला या हुस्ने मतला में न बांधी गयी हो
उपरोक्त शर्तों का पालन न करने वाली रचना पर विचार नहीं किया जायेगा

तरही मुशायरा का नियम -
1 – प्राप्त कुल ग़ज़लों में से 12 ग़ज़लों का चयन अरूज के जानकार उस्ताद शायर द्वारा किया जायेगा जिनको ग़ज़लकार का नाम पता नहीं बताया जायेगा

2- एक शायर द्वारा एक से अधिक ग़ज़ल भेजने पर उस शायर की किसी ग़ज़ल पर विचार नहीं किया जायेगा
3- ग़ज़ल के नीचे रचनाकार का पूरा नाम, पूरा पता, पिन कोड, मोबाईल नंबर अंकित रहना अतिआवश्यक है
4- पत्रिका के next अंक में मात्र १२ ग़ज़लें प्रकाशित होंगी, बाकी ग़ज़लों की वापसी संभव नहीं होगी|
(जिन श्रेष्ठ ग़ज़लों को तरही मुशायरा स्तंभ में स्थान नहीं मिल पायेगा उन्हें गुफ्तगू के आगामी अंक में प्रकाशित किया जा सकता है)

ग़ज़ल भेजने का पता -
सम्पादकीय कार्यालय गुफ़्तगू पत्रिका
१२३ ए /१, हरवारा
धूमनगंज, इलाहाबाद
पिन -211011
मो. - 09889316790, 9453004398

ग़ज़ल ई-मेल से भी भेज सकते हैं -
guftgu007@rediffmail.com

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