सोमवार, 24 जून 2019

नंदल के परिवार की आर्थिक मदद की जाए


गुफ़्तगू की ओर से ‘नंदल हितैषी को श्रद्धांजलि’ का आयोजन
इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी


मनमोहन सिंह ‘तन्हा’

प्रयागराज। नंदल हितैषी के निधन से इलाहाबाद के साहित्य को बड़ी क्षति हुई है। नगर की कई संस्थाएं उनकी याद में कार्यक्रम करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन इससे उनके परिवार को क्या लाभ ? इसलिए हम सभी रचनाकारों को चाहिए कि किसी भी साहित्यकार केे निधन हो जाने पर सभी लोग मिलकर उनके परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाएं तो ज्यादा बेहतर होगा। यह बात गुफ़्तगू संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने 16 जून की शाम करैली स्थित अदब घर ‘नंदल हितैषी को श्रद्धांजलि’ कार्यक्रम के अंतर्गत कही। श्री ग़ाज़ी ने कहा हम रचनाकारों को चाहिए कि विकास प्राधिकरण जैसी संस्थाओं से मिलकर ‘साहित्यपुरम’ या ‘कविपुरम’ जैसी काॅलोनी बनाने की मांग करें। यह काॅलोनी साहित्यकारों को कम कीमत पर उपलब्ध कराई और रचनाकार के निधन होने पर उनके परिवार इस काॅलोनी में फ्री में आवास प्रदान की जाए।
नायाब बलियावी ने कहा नंदल जी हर रचनाकार की हौसला अफज़ाई करते थे और सभी लोगों ने मित्रतापूर्वक मिलते थे, उनके लेखनी और काम को भुलाया नहीं जा सकता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुद्धिसेन शर्मा ने कहा कि नंदल हितैषी एक सक्रिय साहित्यकार थे,  उन्होंने अपनी लेखनी और व्यवहार से लोगों को एक साथ जोड़ेन का काम किया है, उनकी लेखनी और काम को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर अजीत शर्मा आकाश, शिवजी यादव, केशव सक्सेना, फ़रमूद इलाहाबादी, एसपी श्रीवास्तव, तलब जौनपुरी, राम लखन चैरसिया, प्रीता वाजपेयी, ललिता नारायणी पाठक, कविता उपाध्याय, नंदिता श्रीवास्तव, उवर्शी उपाध्याय, असद ग़ाज़ीपुरी, सुनील दानिश, खुर्शीद हसन, सेलाल इलाहाबादी, इजलाल अहमद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह ‘तन्हा’ ने किया।

शनिवार, 15 जून 2019

गुफ्तगू ने अपने काम से रचा इतिहास

कई सम्मानों से नवाजे गए देशभर के 25 रचनाकार

प्रयागराज। इस शहर में आकर ‘गुफ्तगू’ के इस आयोजन को देखकर महसूस हुआ कि समाज में सबकुछ गड़बड़ नहीं है, तमाम गलत प्रयासों के बावजूद समाज में बहुत से अच्छे काम आज भी हो रहे हैं, लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है। गुफ्तगू ने इस सम्मान समारोह और पत्रिका के प्रकाशन से साहित्य का इतिहास रच दिया है। यह बात रांची के वरिष्ट पत्रकार राजेंद्र तिवारी ने ‘गुफ्तगू’ संस्था द्वारा आयोजित ‘साहित्य समारोह-2019’ के अंतर्गत कही। आयोजन 09 जून की शाम धूमनगंज स्थित अनंतराज गार्डेन में किया गया, इस दौरान बुद्धिसेन शर्मा को अकबर इलाहाबादी समेत कई रचनाकारों को बेकल उत्साही, सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान और सीमा अपराजिता सम्मान प्रदान किया गया। गुफ्तगू के ‘महिला ग़ज़ल विशेषांक’ और हरीराम मिश्र की पुस्तक ‘माटी क अहक चिरई क चहक’ का विमोचन भी किया गया। श्री तिवारी ने कहा आज समाज को खराब करने का काम किया जा रहा है, कोई भी अच्छा काम करने पर लोग विरोध शुरू कर देते हैं, उसे गलत साबित करने की कोशिश करते हैं, ऐसे माहौल में गुफ्तगू पत्रिका का लगातार 16 वर्षों से संचालन होते रहना बड़ी बात है, ऐसे काम इलाहाबाद जैसे शहर से ही हो सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि गुुफ्तगू पत्रिका को इस विपरीत माहौल में कामयाबी के साथ संचालन करना बड़ी बात है, इस काम की जितनी सरहना की जाए कम है। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि तमाम विपरीत हालात में गुफ्तगू का संचालन चंद अच्छे लोगों के सहायोग से जारी है। हमारी शुरू से ही कोशिश रही है कि बड़े शायरों के साथ नए लिखने वालों को अवसर प्रदान किया जाए। यही वजह है कि तमाम नए लोग उभरकर सामने आए। आज टीम गुफ्तगू के संकल्प के कारण ही यह आयोजन और पत्रिका का संचालन संभव हो रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इक़बाल दानिश ने कहा कि इम्तियाज अहमद गाजी ने अपनी मेहनत और लगन से साहित्य के लिए बड़ा काम किया है और इस काम का तेजी से आगे बढ़ाया है। आज जिन लोगों को सम्मानित किया है, वे सभी बधाई के पात्र हैं। गाज़ियाबाद के डिप्टी एसपी डाॅ. राकेश मिश्र ‘तूफ़ान’, इनकम टैक्स में ज्वाइंट कमिश्नर शिव कुमार राय, नरेश कुमार महरानी, हरीराम मिश्र आदि ने भी लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।
दूसरे दौर में प्रभाशंकर शर्मा, अनिल मानव, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, शिवाजी यादव, शिवपूजन सिंह, देवेंद्र प्रताप वर्मा, योगेंद्र मिश्रा, दीक्षा केसरवानी, फरमूद इलाहाबादी, रेनू मिश्रा, शिवशरण बंधु  हथगामी, प्रदीप सिंह तन्हा, केशव सक्सेना, शैलेंद्र जय, रविशंकर  उपाध्याय, एसपी श्रीवास्तव, अभिनव केसरवानी रवि, नंदिता एकांकी, मुजाहिद लालटेन, अंकुर सहाय अंकुर, अजीत शर्मा आकाश, आशीष पांडेय आदि ने काव्य किया।


इन्हें मिला सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान

इफ़्फ़त ज़हरा रिज़वी (सऊदी अरब), पूजा बहार (नेपाल), सुमय्या राणा ग़ज़ल (लखनऊ), नमिता राकेश (फरीदाबाद), अंजु सिंह गेसू (मेरठ), वीना श्रीवास्तव(रांची), नजमा नाहिद अंसारी (रांची), उर्वशी अग्रवाल उर्वी (नई दिल्ली), स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता (लखनऊ), सुमन ढींगरा दुग्गल(प्रयागराज) और शिबली सना (प्रयागराज)

इन्हें मिला बेकल उत्साही सम्मान

नय्यर आक़िल (प्रयागराज, मरणोपरांत) अरुण आदित्य (अलीगढ़), कैप्टन जैनुल आबेदीन ख़ान (पुणे), फरहत अली खान (अलीगढ़), उबैदुर्रहमान सिद्दीक़ी (गाजीपुर) रचना सक्सेना (प्रयागराज), अख़्तर अज़ीज़ (प्रयागराज) और डाॅ. राम लखन चैरसिया (प्रयागराज) 

इन्हें मिला सीमा अपराजिता सम्मान

शकीला सहर (पुणे), पारो चौधरी (ग़ाज़ियाबाद), कुमारी निधि चौधरी (किशनगंज, बिहार), मधुबाला (प्रयागराज) और अदिति मिश्रा (प्रयागराज) 
                               



सोमवार, 3 जून 2019

महिला ग़ज़ल विशेषांक (अप्रैल-जून: 2019 अंक) में


3. संपादकीय (ग़ज़ल लेखन में सक्रिय हैं महिलाएं)
4. डाक (आपके ख़त)
5-8. ख़ास लेख ( कुछ मिरी मिट्टी में बग़ावत थी बहुत- वीना श्रीवास्तव)
9-11. स्तंभ लेख (शानदार ग़ज़लें कह रही हैं महिलाएं-अना इलाहाबादी )
12-39. ग़ज़लें ( नजमा नाहीद अंसारी, नमिता राकेश, सुमय्या राणा ग़ज़ल, उर्वशी जाह्वनी अग्रवाल, वीना श्रीवास्तव, अंजू सिंह गेसू, स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता, पूजा बहार, संगीता कसिरेड्डी, कल्पना रामानी, डाॅ. कविता विकास, डाॅ. मीना नक़वी, चित्रा भारद्वाज ‘सुमन’, ममता देवी, शुभदा वाजपेयी, आशा सिंह, डाॅ. औरीना अदा, डाॅ. नसीमा निशा, गरिमा सक्सेना, सुनीता कम्बोज, अंजू कुमारी दास, डाॅ. भारती वर्मा बौड़ाई, चारु अग्रवाल गुंजन, सोनिया वर्मा, संगीता चैहान विष्ट, शायर भकत भवानी, अतिया नूर, रीता सिवानी, तारा गुप्ता, डाॅ. नीलम रावत, डाॅ. नीलिमा मिश्रा, अना इलाहाबादी, डाॅ. अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, विकास भारद्वाज ‘सुदीप’, डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा, अंजलि सिफर, शुभा शुक्ला मिश्रा, डाॅ. मंजरी पांडेय, वंदना मोदी गोयल, दीपशिखा सागर, पुष्पलता शर्मा, मंजूषा मन, अलका मिश्रा, रमोला रूथ लाल, राजमती पोखराना, अनीता मौर्या अनुश्री, निधि चौधरी, कुमारी अर्चना बिट्टू,, कंचन पांडेय, गीता सिंह, सीमा सिंह, महक जौनपुरी, जयश्री श्रीवास्तव, सौम्या दुआ, शिखा जैन, ललिता नारायण पाठक, रचना सक्सेना )40-45. इंटरव्यू (नासिरा शर्मा ) - डाॅ. गणेश शंकर श्रीवास्तव
46-49. चौपाल (ग़ज़ल लेखन में महिलाओं का क्या योगदान है ?)
50-53. तब्सेरा (आखि़र मैं हूं कौन, किसकी रचना, प्रेम विरह में आलोकि, दोहा विशेषांक)
54-55. गुलशन-ए-इलाहाबाद : (डाॅ. कृष्णा मुखर्जी)- इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
56-58. ग़ाज़ीपुर के वीर-6 (राष्ट्रवाद के प्रेरणास्रोत डाॅ. मुख़्तार अंसारी)- मुहम्मद शहाबुद्दीन ख़ान
59-63. अदबी ख़बरें
64-91. परिशिष्ट-1: सुमन ढींगरा दुग्गल
64. सुमन ढींगरा दुग्गल का परिचय
65-66. साहित्य के गहरे पानी की मछली- ममता देवी
67. शायरी की दुनिया का रौशन सितारा- अतिया नूर
68-91. सुमन ढींगरा दुग्गल की ग़ज़लें

92-108. परिशिष्ट-2: इफ़्फत ज़हरा रिज़वी
92. इफ़्फ़त ज़हरा रिज़वी का परिचय
93-95. सूक्ष्म अनुभूतियों की सजग रचनाकार- डाॅ. नीरजा मेहता
96. इफ़्फ़त की शायरी में दर्द, मुहब्बत और तंज- प्रिया श्रीवास्तव
97-118. इफ़्फ़त ज़हरा रिज़वी की ग़ज़लें

119-152. परिशिष्ट -3: शिबली सना
119. शिबली सना का परिचय
120. शायरी के आसमान का चमकता सितारा- हसनैन मुस्तफ़ाबादी
121. सांवली घटा की भींगी सुगंध की तरह- डाॅ. अनुराधा चंदेल ‘ओस’
122-145. शिबली सना की ग़ज़लें

146-152. इस बार इन्हें मिला एवार्डः (अकबर इलाहाबादी सम्मान: बुद्धिसेन शर्मा। बेकल उत्साही सम्मान: नय्यर आक़िल, अरुण आदित्य, जैनुल आबेदीन खान, फ़रहत अली ख़ान, उबैदुर्रहमान सिद्दीक़ी, अख़्तर अ़ज़ीज़, राम लखन चैरसिया, रचना सक्सेना। सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान: इफ़्फ़त ज़हरा रिज़वी, पूजा बहार, सुमय्या राणा, नमिता राकेश, अंजु सिंह गेसू, वीना श्रीवास्तव, नजमा नाहीद अंसारी, उर्वशी अग्रवाल उर्वी, स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता, सुमन ढींगरा दुग्गल, शिबली सना। सीमा अपराजिता सम्मान: शकीला सहर, पारो चौधरी, कुमारी निधि चौधरी, मधुबाला, अदिति मिश्रा)