बहने लगा है वक्त के धारों में आज तू।
करता है गुफ्तगू भी इशारों मे आज तू।
गुमनामियों का ग़म यहाँ करता है किसलिए,
मशहूर है नसीब के मारों मे आज तू।
तारीफ तेरे ज़र्फ की जितनी करूं है कम,
सच बोलता है कैसे हज़ारो में आज तू।
अच्छा नहीं है सब्र के दामन को छोड़कर,
उलझा है इंतिकाम के ख़ारों में आज तू।
कश्ती अभी हयात की बेशक भंवर में हैं,
खुद को न कर शुमार सितारों में आज तू।
‘आशीष’ दी हुई ये अमानत किसी की हैं,
साँसे जो ले रहा है, बहारों में आज तू।
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य़ाद करती है तुझे माँ की बलैय्या आजा,
जि़न्दगी हैं यहाँ इक भूल-भुलैय्या आजा।
ये चमक झूठ की तुझको नहीं बढ़ने देगी,
छोड़ अभियान, अहम और रुपैया आजा।
सर झुकाने को मुनासिब है यही संगे-दर,
यहीं होंगे तेरे अरमान सवैया आजा।
अपने अहसास की पतवार मुझे तू दे दे,
इन दिनों डोल रही है मेरी नैया आजा।
लोग फिर दामने-अबला के पड़े हैं पीछे,
चाहे जिस रूप में आए तू कन्हैया आजा।
दिल में ग़म इतने हैं जितने कि फलक पे तारे,
भर गई अश्क से आशीष तलैया आजा।
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सिमटा है सारा मुल्क ही कोठी या कार में,
आशीष तो खड़ा हुआ कब से कतार में।
बाज़ार दे रहा यहाँ आॅफर नए-नए,
ख्वाबों की मंजिलें यहाँ मिलती उधार में।
मिलते रहे हैं रोज ही यूँ तो हज़ार लोग,
मिलता नहीं है आदमी लेकिन हजार में।
पल भर में मंजिलें यहाँ हसरत की चढ़ गए,
संभले कहाँ है आदमी अक्सर उतार में।
जिसने ज़मी के वास्ते अपना लहू दिया,
गुमनाम कर दिये गए जश्ने-बहार में।
छू कर हवा गुज़र गई परछाई आपकी,
खुश्बू तमाम घुल गई कैसी बयार में।
जज़्बात को निगल लिया मैसेज ने यहाँ,
आती कहाँ है ख्वाहिशें चिðी या तार में।
आशीष क्या अजीब है मेरे नगर के लोग,
अम्नो-अमा को ढूंढते खंजर की धार में।
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लफ्ज़ आए होठ तक हम बोलने से रह गए,
इक अहम रिश्ते को हम यूँ जोड़ने से रह गए।
अब शिकारी आ गया बाज़ार के आॅफर लिए,
फिर परिन्दे अपने पर को खोलने से रह गए।
हर कहीं देखी निगाहें आँसुओं से तरबतर,
खुद के आँसू इसलिए हम पोंछने से रह गए।
बारिश तो थीं मग़र बस्ते का भारी बोझ था,
कश्तियाँ काग़ज की बच्चे छोड़ने से रह गए।
बेरहम दुनिया के जुल्मों की हदें ना पूछिए,
शाख पर वे फल बचे जो तोड़ने से रह गए।
आज फिर देखी किताबे-जि़न्दगी आशीष तो,
पृष्ठ कुछ ऐसे मिले जो मोड़ने से रह गए।
मोबाइलः 09827084966
1 टिप्पणियाँ:
GUFTGU MEIN AISA HAI AASHISH KA DILKASH KALAM
MAUJ ZAN HO JAISE KOII BADA E ISHRAT KA JAAM
AHMAD ALI BARQI AZMI
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