रविवार, 8 दिसंबर 2024

 गुफ़्तगू के जुलाई-सितंबर 2023 अंक में



धनंजय कुमार विशेषांक

4. संपादकीय  (अमेरिका में रहते हुए भी पूरी तरह भारतीय)

5-9. धनंजय कुमार का परिचय

10. कहीं ये न समझो, मैं हूं तुमसे दूर - कैलाश गौतम

11-12. धनंजय कुमार की ग़ज़लें अपने वक़्त का आईना- यश मालवीय

13-14. ग़ज़लों के रूप में मंज़रेआम पर फ़ायज़ - तलब जौनपुरी

15-16. बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी धनंजय कुमार- अशोक श्रीवास्तव ‘कुमुद’

17. धनंजय कुमार की शायरी में जीवन का यथार्थ- डॉ. मधुबाला सिन्हा

18-19. कविताओं में चिंतन के विभिन्न सोपान - डॉ. शैलेष गुप्त ‘चीर’

20-21 साहित्यकार धनंजय कुमार की ग़ज़लें - शगुफ़्ता रहमान ‘सोना’

22-24. इंटरव्यू: धनंजय कुमार

25-33. धनंजय कुमार की क्षणिकाएं

34-90. धनंजय कुमार की कविताएं

91-154. धनंजय कुमार की ग़ज़लें

155-164. धनंजय कुमार के मुक्तक

165-175. धनंजय कुमार के संगम

176-182. तब्सेरा  (21वीं सदी के इलाहाबादी, संघर्ष का सुख, घोंसला, ढाई बूंद, ज़बाने यार मनतुर्की,  सौग़ात मोहब्बत की)

183-185. उर्दू अदब  (चराग़-ए-अश्क-ए-अज़ा, आओ छू लें चांद सितारे, हर्फ़-हर्फ़ आईना)

186-187. गुलशन-ए-इलाहाबाद (डॉ. बी. पॉल)

188-189. ग़ाज़ीपुर के वीर (डॉ. शौकतउल्भ्लाह अंसारी)

190-194. अदबी ख़बरें






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