‘ऊर्ध्व-रेता‘ में है भागवत गीता के भाव: लालजी शुक्ल
टीपी मिश्र की पुण्यतिथि पर डॉ. वीरेंद्र तिवारी की पुस्तक का विमोचन
प्रयागराज। डॉ. वीरेंद्र कुमार तिवारी हमारे शहर के बहुत ही उल्लेखनीय और प्रतिभावान गीतकार हैं। इन्होंने अपनी पुस्तक ‘ऊर्ध्व-रेता‘ में मानव जीवन के सही मूल्न्यों का वर्णन शानदार तरीके से किया है। इस पुस्तक के गीतों में श्रीमद्भागवत गीता के भाव स्पष्ट रूप से सामने आते दिखाई दे रहे हैं। पुस्तक का शीर्षक बहुत ही दिव्य है, इसमें संपूर्ण मानवता के कल्याण की चीज़े स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। यह बात 21 अप्रैल की देर शाम ‘गुफ़्तगू’ और ‘डाक मनोरंज क्लब’ की तरफ से सिविल लाइंस स्थित प्रधान में आयोजित विमोचन कार्यक्रम के दौरान पूर्व एसएसपी लालीजी शुक्ल ने कही।
ि गुफ़्तगू के अध्यक्ष डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि डॉ. वीरेंद्र तिवारी एक शानदार और उल्लेखनीय गीतकार हैं, जो पूरे देश में आज प्रयागराज का प्रतिनिधित्व अपने शानदार गीतों के माध्यम से करते हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मीडिया स्टडी के कोआर्डिनेटर डॉ. धनंजय चोपड़ा ने कहा कि डॉ. वीरेंद्र तिवारी ने अपने गीतों के माध्यम से समाज को उल्लेखित करने का बहुत साहसिक कार्य किया है। ऐसी किताबों का हमारे समाज में हमेशा ही स्वागत किया जाएगा। सहायक डाक अधीक्षक मासूम रज़ा राशदी ने कहा कि डॉ. तिवारी की यह किताब सदियों तक याद रखी जाएगी। गुफ़्तगू के सचिव नरेश महरानी ने कहा कि यह किताब हमारे समय की ख़ास उपलब्घि है। कार्यक्रम की अघ्यक्षता कर रही डॉ. सरोज सिंह ने कहा कि यह पुस्तक योग दर्शन, अध्यात्म, प्रेम और समर्पण का बेहरतरीन उदाहरण हैं। पुस्तक की एक-एक रचना उल्लेखनीय है। राजेश वर्मा, प्रमोद राय, सुभाष पांडेय, नरोत्तम लाल त्रिपाठी, हरीश चंद्र ़िद्ववेदी, आशीष चटर्जी,, प्रमोद मिश्र, प्रभाशंकर शर्मा और शैलेंद्र जय ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।
दूसरे दौर में कवि सम्मेलन-मुशायरा का आयोजन किया गया। शिवाजी यादव, मंजुलता नागेश, अशोक श्रीवास्तव ‘कुमुद’, अर्पणा सिंह, विभु कुमार, डॉ. संतोष कुमार मिश्र, डॉ. पूर्णिमा पांडेय, अजीत शर्मा ‘आकाश’ राकेश मालवीय और प्रदीप चित्रांशी आदि ने काव्य पाठ किया।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें