मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

उल्लेखनीय लोगों को अवार्ड देना शहर की पहचान: तिग्मांशु  धूलिया

‘गुफ़्तगू साहित्य समारोह-2024’ में ख़ास लोगों का हुआ सम्मान

अलग-अलग विधाओं की छह किताबों को किया गया विमोचन



प्रयागराज। प्रयागराज की संस्कृति पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखती है। साहित्य के बड़े-बड़े मनीषी यहां पैदा हुए हैं, जिनका मूल्यांकन सदिया तक किया जाता रहेगा। ‘गुफ़्तगू साहित्य समारोह-2024’ के अंतर्गत देशभर के साहित्यकारों, पत्रकारों, खिलाड़ियों और अधिवक्ताओं को सम्मानित किया जाना विेशेष मायने रखते हैं। डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी के नेतृत्व में टीम गुफ़्तगू का यह कार्य बहुत ही उल्लेखनीय है। यह काम हमेशा रेखांकित किया जाता रहेेगा। यह बात 17 दिसंबर को साहित्यिक संस्था ‘गुफ़्तगू’ की तरफ़ से सिविल लाइंस बाल भारती स्कूल आयोजित कार्यक्र के दौरान फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया ने कही। श्री धूलिया ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को अपने हाथों से अवार्ड प्रदान किया।

मुनव्वर राना को ‘अकबर इलाहाबादी’ अवार्ड प्रदान किया गया। इसे अवार्ड को उनके बेटे तबरेज़ राना का ग्रहण किया।


डॉ. गणेश शंकर श्रीवास्तव को ‘कैलाश गौतम अवार्ड’ प्रदान किया गया।

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि वर्ष में एक गुफ़्तगू अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन किया जाना, बहुत ही महत्वपूर्ण ख़ास है। प्रयागराज की यह ख़ास पहचान है  िकवह लोगों को चुन-चुनकर उनको अवार्ड देता है। गुफ़्तगू टीम मिलकर बहुत ही अच्छा कार्य कर रही है।


फ़रहत ख़ान को ’कुलदीप नैयर अवार्ड’ प्रदान किया गया।


मिल्खा सिंह अवार्ड’ हासिल करते मयंक श्रीवास्तव।

गुफ़्तगू के अध्यक्ष डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि अवार्ड के लिए चयनित करने लोगों से आवेदन मंगाए जाते हैं, उनमें लोगोें चयन पूरी टीम गुफ़्तगू करती है। हमारी कोशिश होती है कि अपने क्षे़त्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाए। 


कुलदीप नैयर अवार्ड हासिल करते डॉ. मोहम्मद ज़फ़रउल्लाह।

डॉ. वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि आज का आयोजन ऐतिहासिक है। विभन्न प्रदेश के लोगों को बुलाकर उनका सम्मान किया जान ख़ास मायने रखता है।

‘गुफ़्तगू अर्वाउ’ प्राप्त करतीं सम्पदा मिश्रा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मशहूर गीतकार यश मालवीय ने कहा कि से सम्मानित होेना रचनाकारों के लिए ख़ास मायने रखता है। यह निराला, महादेवी, फ़िराक़, अकबर, कैलाश गौतम आदि का शहर हैं। आज कार्यक्रम यहां के इतिहास में दर्ज़ हो गया है। ऐसे आयोजन ही शहर की पहचान बनते हैं और आगे चलकर इतिहास में दर्ज़ कर लिए जाते हैं। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ेन किया। हकीम रेशादुल इस्लाम की किताब मरकज़े-नूर, संतोष कुमार श्रीवास्तव की किताब संवदेना, नीना मोहन श्रीवास्तव की किताब मैं कविता हूं, मंजू लता नागेश की किताब अस्तित्व की पहचान, मासूम रज़ा राशदी के सौ शेर और अनिल मानव के चुनिन्दा अशआर का विमोचन किया गया।


इन्हें मिला अवार्ड

अकबर इलाहाबादी अवार्ड 

मुनव्वर राना (मरणोपरान्त)


सुभद्रा कुमारी चौहान अवार्ड 

डॉ. प्रमिला वर्मा (सोलापुर, महाराष्ट्र), रेणु अग्रवाल (उड़ीसा), वेणु अग्रहरि ढींगरा (देहरादून), मंजु शर्मा जांडिग ‘मनु’ (जोधपुर) और डॉ. अन्नपूर्णा वाजपेयी ‘आर्या’ (कानपुर)


कैलाश गौतम अवार्ड 

अखिलेश निगम ‘अखिल’ (लखनऊ), सुभाष पाठक ‘ज़िया’ (शिवपुरी, मध्य प्रदेश), डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा (रायपुर), गणेश शंकर श्रीवास्तव (नई दिल्ली) और अभिनव अरुण (वाराणसी) 


कुलदीप नैयर अवार्ड 

देव प्रकाश चौधरी (अमर उजाला-नोएडा), फ़रहत ख़ान (दैनिक भास्कर), अमरीश कुमार शुक्ला (वरिष्ठ पत्रकार), डॉ. मोहम्मद ज़फ़रउल्लाह (पत्रकारिता विभाग-जामिया मिल्लिया, नई दिल्ली) और गौरव अवस्थी (वरिष्ठ पत्रकार-रायबरेली)


सीमा अपराजिता अवार्ड 

ऋतिका रश्मि (मेहसना, गुजरात), मीना सिंह ‘मीन’ (नई दिल्ली), प्रियंका गहलौत (अमरोहा), सुनीता श्रीवास्तव (सुल्तानपुर) और महिमा त्रिपाठी (प्रयागराज)  


सुधाकर पांडेय अवार्ड 

मोहन राठौर (मशहूर भोजपुरी गायक, मुंबई), बंश नारायण सिंह बनज (दिलदारनगर), सानंद सिंह (ग़ाज़ीपुर), सूरज दीवाकर ( नई दिल्ली) और कमलेश पाण्डेय ‘पुष्प’ (नई दिल्ली)


उमेश नारायण शर्मा अवार्ड

एडवोकेट नितिन शर्मा,  एडवोकेट देवीशंकर शुक्ला, एडवोकेट रविशंकर प्रसाद, एडवोकेट मोहम्मद अहमद अंसारी और एडवोकेट शिवाजी यादव 


मिल्खा सिंह अवार्ड

सोमनाथ चन्दा (फुटबाल), विमला सिंह (एथलेटिक्स), शशि प्रकाश यादव (एथलेटिक्स), नरेन्द्र सिंह बिष्ट (बॉक्सिंग) और मयंक श्रीवास्तव (जिमनास्टिक) 


‘गुफ़्तगू अवार्ड

अवार्ड निहाल चंद्र शिवहरे (झांसी), शिवनंदन सिंह सहयोगी (वाराणसी), डॉ. इम्तियाज़ समर (कुशीनगर), मधुकर वनमाली (मुजफ्फरपुर) और सम्पदा मिश्रा (प्रयागराज) 


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