सोमवार, 2 मार्च 2020

गुफ़्तगू के रक्षक विशेषांक ( मार्च-2020 अंक) में


3. संपादकीय ( जो करते हैं हमारी सुरक्षा )
4. आपके पत्र
5-6. फौज और पुलिस में ग़ाज़ीपुर की ख़ास भूमिका: मो. वज़ीर अंसारी
7-9. कहानी ( मीना खां क्यों रोया)- जैनुल आबेदीन ख़ान
10-13. इंटरव्यू ( मुनव्वर राना से अनिल मानव )
14-20. ग़ज़लें ( नज़र कानपुरी, अनिल अनवर, गौतम राजऋषि, अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’, फ़ैयाज़ फ़ारूक़ी, विजेंद्र शर्मा, मो. इबरार ख़ान वारसी )
21-24. कविताएं ( अज़ीज़ जौहरी, जमादार धीरज, रणजीत यादव ‘क्षितिज’, दीपक दीक्षित )
25-27. चौपाल: रक्षक विशेषांक को किस रूप में देखते हैं ?
28-30 तब्सेरा ( रहनुमाए हज व उमरा, बंद मुट्ठियों में क़ैद धूप, चाबी वाला भूत, दृष्किोण, एक टुकड़ा धूप )
37-38. पत्रिका समीक्षा ( हिन्दी पाठकों को नात समझाता विशेेष अंक) - अजीत शर्मा ‘आकाश’
39. इन दिनों: चर्चा में हैं ये पुस्तकें
40. उर्दू अदब ( असली एजेंडा दिखाने की कामयाब कोशिश)- अली अहमद फ़ातमी
41. गुलशन-ए-इलाहाबाद: लालजी शुक्ला
42-43. ग़ाज़ीपुर के वीर-9: ( कैप्टन अब्दुल गनी)- मोहम्मद शहाब खा़न गोड़सरवी
44-51. अदबी ख़बरें
52. गौरव ( साहिबा और हसीना की कामयाबी बनी मिसाल ) मंसूर आलम ख़ान मनियावी
53. खि़राज़-ए-अक़ीदत ( अजमल सुल्तानपुरी) - वंदना शर्मा
54-80. परिशिष्ट: डाॅ. राकेश मिश्र ‘तूफ़ान’
54. डाॅ. राकेश मिश्र ‘तूफ़ान’ का परिचय
55-56. सख़्त ड्यूटी से निकले कोमल अशआर- इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
57-58. सलीक़े से ग़ज़ल कहने का हुनर - डाॅ. नीलिमा मिश्रा
59-60. शायरी में आधुनिक जीवन की छटपटाहट- प्रिया श्रीवास्तव
61-80. डाॅ. राकेश मिश्र ‘तूफ़ान’ की ग़ज़लें
81-110. परिशिष्ट -2: केके मिश्र ‘इश्क़ सुल्तानपुरी’
81. इश्क़ सुल्तानुपरी का परिचय
82. ऐसे दीवानों को ग़ज़ल बनाती है अपना दीवाना - मुनव्वर राना
83-85. इश्क़ की शायरी का हुस्न - डाॅ. हसीन जिलानी
86-87. कर्म और मर्म दोनों में सशक्त - ममता देवी
88-104. इश्क़ सुल्तानपुरी की ग़ज़लें
105-110. इश्क़ सुल्तानपुरी की कविताएं
111-122. कवि और कविता ( डाॅ. बशीर बद्र, यश मालवीय, पवन कुमार, पंकज के. सिंह राहिब, मासूम रज़ा राशदी, विजय प्रताप सिंह )
123. गुफ़्तगू पब्लिकेशन की प्रमुख पुस्तकें
124. ‘फूल ही फूल’ से संकलित अशआर

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