रविवार, 21 अक्तूबर 2018

आज भी सक्रिय हैं पत्रकार वीएस दत्ता

VS DUTTA



                                                    -इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
 लगभग नौ दशक पहले वीएस दत्ता का जन्म पंजाब के उस हिस्से में हुआ, जो आज पाकिस्तान में है। आपके पिता श्री एन.एस. दत्ता एयरलाइंस में थे, माता श्रीमती कृष्ण कुमारी दत्ता कुशल गृहणि थीं। पांच भाई और दो बहनों में आप चाथे नंबर पर हैं। आज इनकी एक बहन अमेरिकी में अपने परिवार के साथ रहती, एक भाई दिल्ली में रहते हैं। वीएस दत्ता की प्रारंभिक शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में हुई, इसी स्कूल से पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवानी ने भी शिक्षा हासिल की थी। कराची से आपके पिताजी का तबादला ग्वालियर हुआ तो यहां आ गए। तब उर्दू की पढ़ाई करते थे, ग्वालियर आकर एक प्राइवेट ट्यूटर से हिन्दी पढ़ी, सीखी। ग्वालियर से पिताजी का तबादला इलाहाबाद होने पर यहां आकर सेंट जोसेफ में पढ़ाई की, फिर यहां जीआईसी और फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर इकोनामिक्स से एमए किया। छात्र जीवन से ही लेखन के प्रति रूझान था, सबसे पहले ‘संपादक के नाम पत्र’ लिखना शुरू किया, पहला पत्र ‘पत्रिका’ में छपा।
पढ़ाई पूरी करने के बाद सन 1962 ई. में पत्रकारिता में प्रवेश किया। अंग्रेज़ी अख़बार ‘लीडर’ में पत्रकार की नौकरी के लिए लिखित परीक्षा ली गई, परीक्षा पास करने के बाद 162 रुपये प्रति माह पर नौकरी मिल गई। 1967 में लीडर अख़बार बंद हो गया, बेरोजगारी का दंश झेलते हुए कुछ दिन जीप फैक्ट्री में नौकरी की। 1973 में एनआईपी ज्वाईन किया। तब से एनआईपी में ही नौकरी करते है, हालांकि बीच-बीच में कई बार एनआईपी बंद होता रहा है। इसके साथ ही दत्ता साहब युनाइटेड भारत अख़बार में संपादकीय लिखते हैं। इनका पुत्र युनाइटेड कालेज में कंप्यूटर पढ़ाता है।
आज की पत्रकारिता के बार में श्री दत्ता का कहना है कि पहले पत्रकार आर्थिक तौर पर बहुत अधिक परेशान होते थे, लेकिन बिकते नहीं थे। आज गिफ्ट और डीनर के बिना रिर्पोटिंग नहीं होती। पहले अख़बारों में ‘संपादक के नाम पत्र’ में भी कोई शिकायत छप जाती थी तो उस पर प्रशासन चैकन्ना हो जाता था, उस पर कार्रवाई हो जाती थी, आज लीड ख़बर बनने पर भी कार्रवाई नहीं होती। तब के पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता में यह फ़र्क़ आ गया है।
(गुफ्तगू के जुलाई-सितंबर: 2018 अंक में प्रकाशित)

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें