शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

गुफ्तगू के ग़ज़ल व्याकरण अतिरिक्तांक में


3.संपादकीय- अतिरिक्तांक की ज़रूरत
4-11. नई इक़दार और नई उर्दू ग़ज़ल- प्रो. अली अहमद फ़ातमी
12-21.हिन्दी वाड्मय और ग़ज़ल-एहतराम इस्लाम
22-25.उर्दू शायरी पर हिन्दी का प्रभाव-उपेंद्र नाथ अश्क़
26-28.ग़ज़ल सिर्फ़ महबूब से बात करने का नाम नहीं है-मुनव्वर राना
29-31.हिन्दी पाठ्यक्रम में शामिल हो ग़ज़ल-इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी
32-35.हिन्दी कविता के संदर्भ में आज की ग़ज़ल-एहतराम इस्लाम
36.ग़ज़ल: कल से आज तक-नक़्श इलाहाबादी
37-39.ग़ज़ल की लोकप्रियता क्यों बढ़ी-अशोक रावत
40-42.उर्दू कविता के बाबा-ए-आदम वली दकनी- डा. परमानंद पांचांल
43-45.ग़ज़ल के रुक़्न या खंड- डा. श्याम सख़ा श्याम
46-57.ग़ज़ल की आरंभिक जानकारी-वीनस केसरी
58. ग़ज़ल में कितने शेर हों- आचार्य आसी पुरनवी
59-60.शब्द की मात्रा की गणना का ज्ञान- सुनहरी लाल शुक्ल
61-63.बह्र विज्ञान के बारे में- आर.पी शर्मा ‘महर्षि’
64-90.बह्र विज्ञान- आर.पी शर्मा ‘महर्षि’
91-95.उर्दू बह्रों का शेरो-शायरी में महत्व- आर.पी शर्मा ‘महर्षि’
96-98.ग़ज़लों के लिए उपयुक्त हिन्दी छंद- आर.पी शर्मा ‘महर्षि’
99-100.क़ाफि़या के बारे में- आर.पी शर्मा ‘महर्षि’
101-110.इल्मे क़ाफि़या- आर.पी शर्मा ‘महर्षि’
111.माहिया-रमेश प्रसून
112.जनक छंद-रमेश प्रसूनइस अंक की कीमत 50 रूपए   

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