गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

मूछ नृत्य के लिए हर आम-खा़स में चर्चित हैं ’दुकान जी’

    

 राजेंद्र कुमार तिवारी उर्फ़ ‘दुकान जी’

                                                                   -इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी

 राजेंद्र कुमार तिवारी उर्फ़ ‘दुकान जी’ किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है। ख़ासकर प्रयागराज का बच्चा-बच्चा इन्हें पहचानता और जानता है। इन्होंने अपने कार्य और सक्रियता से अपनी बेहद अलग पहचान बनाई है। कार्य की वजह से ही 1995 में गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड और लिमका बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में अपना नाम दज़ करा चुके हैं। इनका जन्म एक मई 1963 को प्रयागराज के दारागंज मुहल्ले में हुआ। चार बहन और तीन भाइयों में आप सबसे छोटे हैं। पिता स्वर्गीय नंद कुमार तिवारी भारतीय सेना में कार्यरत थे। दुकान जी ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई राधा रमण इंटर काॅलेज प्रयागराज से पूरी की थी। इनके पिता की एक दुकान भी थी, जिसका नाम ‘निराला पुस्तक भंडार’ था। इसी दुकान में बैठकर बचपन से कार्टून आदि बनाते रहते थे, दुकान में ही बैठकर काम करने की वजह से इनका नाम ‘दुकान जी’ पड़ गया। मूंछ के नृत्य के लिए ही ये बेहद मशहूर हुए हैं, इसी कार्य के लिए इन्हें सारे सम्मान आदि मिले हैं। मूंछ पर मोमबत्तियां जलाकर बिना शरीर के हिलाए मूंछ नृत्य करते हैं, इस काम में दिक्कत आने पर इन्होंने अपने मुंह के सभी दांत उखड़वा दिए थे। ये प्रयागराज के नगर निगम और सिविल डिफेंस प्रयागराज के ब्रांड अम्बेसडर भी हैं।

 लखनउ महोत्सव, सैफई महोत्सव, ताज महोत्सव, इलाहाबाद त्रिवेणी महोत्सव, झांसी महोत्सव, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, गोवा, कन्या कुमारी समते देशभर के अनेक स्थनों पर मूंछ का नृत्य दिखा चुके हैं। डिस्कवरी चैनल से लेकर नेशनल ज्योग्राफी चैनल समेत टेलीविजन के विभिन्न चैनलों से इनके कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं। रामोजी फिल्मी सिटी हैदराबाद में कार्यक्रम पेश करने के लिए गए थे, कार्यक्रम पसंद आने पर फिल्मी सिटी के मालिक ने इन्हें अपने यहां रहने का प्रस्ताव दिया था, वहां तकरीबन दो साल तक रहने के बाद फिर इलाहाबाद लौट आए, इनका मन वहां नहीं लगा। गिनिज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड और लिमका बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड के अलावा इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड, मालवल्स बुक आॅफ इंडिया में इनका नाम दर्ज़ हो चुका है। जिला निरोधक समिति द्वारा ‘गोल्ड मेडल’, इंटरनेशनल डायरेक्टरी द्वारा ‘हाल आॅफ फेम’, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा ‘गंगा सेवा सम्मान’, वल्र्ड इनाइरोमेंट सर्टिफिकेट, स्वच्छ भारत मिशन सर्टिफिकेट समेत देशभर से कुल 44 सम्मान इनको अब तक मिल चुके हैं।

 रहस्य, ग्लोबल बाबा, इशा के इस्वा, धरती पुत्र, चाहत, भाग हिन्दू भाग, पानी, तियां, व्यस्था, रंगबाज दारोगा, रोड टू संगम, प्यार करेंगे पल-पल, मकानिक मोमिया, सच भइल सपनवा हमार और दरिया आदि फिल्मों में काम कर चुके हैं। कालूडीह, प्रतिज्ञा, जेलर की डायरी, तिरा चरित्र आदि टीवी सीरियलों में भी अभिनय किया है। मशहूर टीवी सीरियल प्रतिज्ञा के शुरू के दो एपिशोड इन्हीं से आरंभ हुए थे। अब तक इनके 170 एलबम बन चुके हैं। तकरीबन दो दर्जन रंगमंच के नाटकों में अभियन कर चुके हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री, पूर्व राज्यपाल मोतीलाल बोरा समेत तमाम राजनेताओं ने इनके मूंछ पर लगी मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। 

 उनकी भेषभूशा वीरप्पन से काफी मिलती है। जिसकी वजह से एक बार ये हरियाणा में बस से यात्रा करते समय पुलिस की गिरफ्त में आ गए। सूचना मिलने पर बस को पुलिस ने रुकवाया, फिर सुरक्षा घेरे में सभी यात्रियों को बस से बाहर निकालकर उन्हें पकड़ लिया। इनके स्पष्टीकरण देने पर पुलिस ने इलाहाबाद के एसएसपी को फोन करके इनके बारे में जानकारी मांगी। स्पष्टीकरण मिल जाने पर इन्हें छोड़ा गया। इन्होंने अपने दारागंज स्थित निवास स्थान को एक छोटा सा म्यूजियम का रूप दे रखा है। इनका दावा है कि इसमें तमाम अन्य वस्तुओं के अलावा दुनिया की सबसे छोटी गीता और सबसे छोटा कुरआन इनके म्यूजियम में एकत्र है। इनका कहना है कि अतिक्रमण की जद में इनका निवास स्थान आ गया है, जल्द ही इसे तोड़ा जाना है। म्युजियम की वस्तुओं को कही और स्थानांतरित करने के लिए तमाम नेताओं और अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोरा आश्वासन हीं मिला है।

( गुफ़्तगू के जनवरी-मार्च  2021 अंक में प्रकाशित )

 


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