4. संपादकीय (समाज के प्रति जागरूक होकर करें सृजन )
5-18. (ख़ास पेशकश) क्लासिकी ग़ज़ल की शेरिआत- शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
19-31. (ग़ज़लें) बशीर बद्र, वसीम बरेलवी, मुनव्वर राना, मंज़र भोपाली, विज्ञान व्रत तलब जौनपुरी, देवी नागरानी, इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी, अखिलेश निगम अखिल, डाॅ. राकेश तूफ़ान, नमिता राकेश, अरविंद असर, फ़रमूद इलाहाबादी, डाॅ. इम्तियाज़ समर, विजय प्रताप सिंह, सुमन ढींगरा, मूसा अशांत बाराबंकवी, चांद अकबराबादी, अशरफ़ अली, अना इलाहाबादी, डाॅ. अंजना सिंह सेंगर, डाॅ. सादिक़ देवबंदी, प्रकाश प्रियम, सीमा गर्ग मंजरी, बहर बनारसी, अंजलि सिफर
32-44. (कविताएं) कैलाश गौतम, सोम ठाकुर, यश मालवीय, अज़ीज़ जौहरी, शिशिर सोमवंशी, वंदना शर्मा, शिव कुमार, रीना मिश्रा, उषा लाल, अंजु कुमारी दास, रानी सिंह, सम्पदा मिश्रा, रचना सक्सेना, प्रदीप बहराइची, पूजा कुमारी रूही, नीना मोहन श्रीवास्तव, सोनल ओमर, डाॅ. पुनीत कुमार, कुंअर नाजुक, सुजाता सिंह, जक़ी तारिक बाराबंकवी
45-50.(इंटरव्यू )आफ़ताब अजमेरी से अनिल मानव
51-54. (चौपाल) आज का साहित्यकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है ?
55-56. (खि़राज़-ए-अक़ीदत) शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
57-60. (तब्सेरा) लाॅकडाउन के 55 दिन, दिल्ली की सात कवयित्रियां, गुंचे, ग़ज़ल का सफ़र - अजीत शर्मा आकाश
61-62. (उर्दू अदब) बतख़ मियां अंसारी, अक़ील रिज़वी- डाॅ. हसीन जीलानी
63-64. (गुलशन-ए-इलाहाबाद) दुकान जी
65-66. (रंगमंच) डाॅ. विधु खरे ने रंगमंच को ही बना लिया कैरियर- ऋतंधरा मिश्रा
67-68. (ग़ाज़ीपुर के वीर) भोजपुरी के अमर गीतकार थे भोलानाथ गहमरी - शहाब खान गोड़सरवी
69-72. अदबी ख़बरें
73¬-104. परिशिष्ट-1: शहनाज़ फ़ातमी
73. शहनाज़ फ़ातमी का परिचय
74-75. स्त्री पीड़ा को विभक्त करने में माहिर- पद्मश्री उषा किरण खान
76-78. डाॅ. शहनाज़ फ़ातमी का एक मुख़तसर ख़ाक़ा- शाइस्ता अंजुम
79-81. शहनाज़ फ़ातमी का सृजन उल्लेखनीय- डाॅ. मीरा मिश्रा
82-84. अतीत, वर्तमान और भविष्य पर नज़र - डाॅ. अमर कुमार सिंह
85-104. शहनाज़ फ़ातमी के कलाम
105-136. परिशिष्ट- 2: शगुफ़्ता रहमान ‘सोना’
105. शगुफ़्ता रहमान ‘सोना’ का परिचय
106-108. नारी अस्मिता के संघर्ष का साक्ष्य बनती कविताएं- प्रो. सुरेश चंद्र द्विवेदी
109. गहन भावबोध की अभिव्यक्ति हैं शगुफ़्ता की कविताएं- डाॅ. शैलेष गुप्त वीर
110. विभिन्न आयाम से रुबरु कराती हैं शगुफ़्ता- प्रिया श्रीवास्तव ‘दिव्यम्’
111-112. समाज की सच्चाई बयान करती कविताएं - शिवाजी यादव
113-136. शगुफ़्ता रहमान ‘सोना’ की रचनाएं
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