बुधवार, 2 मई 2018

गुफ्तगू के महिला विशेषांक-3 (अप्रैल-जून:2018 अंक) में


3. संपादकीय
4-5. पाठकों के पत्र
6-9. आधुनिक परिवेश में महिला कथाकार: अन्नपूर्णा बाजपेयी ‘अंजु’
10-12. साहित्य, सिनेमा और स्त्री: नाज़ ख़ान
13-15. हिन्दुस्तानी समाज में महिलाओं की भूमिका: शाज़ली खान
16-17. घरेलू महिला वित्तीय तौर पर हो सशक्त: कंचन शर्मा
18-21. चेहना पढ़ना जानती थीं महादेवी वर्मा: डाॅ. यासमीन सुल्ताना नक़वी
22-23. महिला सशक्तीकरण और भारतीय परिवार: डाॅ. निशा मौर्या
24-30. सुभद्रा जी की सफलता का रहस्य: मुक्तिबोध
31-34. बैंकिंग उद्योग के शीर्ष पर महिलाएं: नौशाबा ख़ान
35-41. इंटरव्यू (चित्रा मुद्गल)
42-45. चौपाल (आधुनिक साहित्य में महिलाओं का योगदान)
46-50. ग़ज़लें (मीना नक़वी, वजीहा खुर्शीद, डाॅ. सरोजनी तन्हा, कांति शुक्ला, चित्रा भारद्वाज ‘सुमन’, रमोला रूथ लाल ‘आरजू’, अना इलाहाबादी, चारु अग्रवाल ‘गुंजन’, फ़ौजिया अख़्तर ‘रिदा’, दीपशिखा सागर, डाॅ. ओरीना अदा, अतिया नूर, आभा चंद्रा, डाॅ. आरती कुमारी, महिमा श्री, संगीता चैहान विष्ट, रागिनी त्रिपाठी, प्रिया श्रीवास्तव )
51-72. कविताएं (ज्योति मिश्रा, ललिता पाठक नारायणी, विजय लक्ष्मी विभा, सरस दरबारी, अंजलि गुप्ता, मंजू वर्मा, डाॅ. जयश्री सिंह, ऋचा वर्मा, प्रतिभा गुप्ता, हेमा चंदानी ‘अंजुलि’, माला सिंह खुश्बू, प्रतिमा खनका, शिबली सना, मंजु जौहरी मधुर, पुष्पलता शर्मा, शालिनी साहू,  उर्वशी उपाध्याय, रुचि श्रीवास्तव, अंजली मालवीय मौसम, प्रीति समकित सुराना, गीता कैथल, स्वराक्षी स्वरा, वंदना शुक्ला, अर्चना सिंह, अपराजिता अनामिका, रचना प्रियदर्शिनी, डाॅ. कविता विकास,  कुमारी अर्चना, लक्ष्मी यादव, वीना श्रीवास्तव, माधवी चैधरी, मंजू यादव, वंदना राणा, मुक्ति शाहदेव, डाॅ. सुनीता देवदूत मरांडी, प्रिया भारतीय, शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’, सम्पदा मिश्रा, विनीता चैल, अपर्णा सिंह, सीमा वर्मा अपराजिता, इल्मा फ़ातिमा, अनीता अनुश्री )
73-77. लधु कथा (अलका प्रमोद, अदिति मिश्रा, सारिका भूषण, डाॅ. श्वेता श्रीवास्तव, भारती शर्मा)
79-80. तब्सेरा (जागती आंखें, मंज़िल, अक्कासिए दिल, खुला आकाश)
81-98. अदबी ख़बरें
83. गुलशन-ए-इलाहाबाद (डाॅ. यासमीन सुल्ताना नक़वी)
84. ग़ाज़ीपुर के वीर (वीर अब्दुल हमीद)- मोहम्मद शहाब खान
85- 86. परिशिष्ट-1: नीरजा मेहता- परिचय
87-89. अभिव्यक्ति की सितार पर गूंजते शब्द: डाॅ. अनुराधा चंदेल ‘ओस’
90. साथर्कता से ओतप्रोत नीरजा की कविताएं: डाॅ. शैलेष गुप्त ‘वीर’
91-118. नीरजा मेहता की रचनाएं
119- 120. परिशिष्ट-2. मीनाक्षी सुकुमारन- परिचय
121-122. विसंगतियों और विडंबनाओं पर तीखा प्रहार: भोलानाथ कुशवाहा
123-124. मीनाक्षी सुकुमारन की कविताएं: शैलेंद्र जय
125-152. मीनाक्षी सुकुमारन की कविताएं



0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें