डा. नन्दा शुक्ला के काव्य संग्रह ‘नेह निर्झर का हुआ विमाचन
इलाहाबाद। कवयित्री डा. नन्दा शुक्ला की कवितायें जीवंत हैं, उन्होंने अपने आप-पास के परिदृश्य को जिस रूप में देखा है उसी रूप में रेखांकित कर दिया है, समाज को आईना दिखाने का भूरपूर प्रयास किया है। इस हिसाब से इनकी कवितायें बेहद महत्वपूर्ण हैं, हमें ऐसे लोगों के साहित्य आने का स्वागत करना चाहिए। गुफ्तगू पब्लिकेशन ने इनकी कवितायें प्रकाशित करके एक अच्छा संदेश दिया है। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार अजामिल ने डा. नन्दा शुक्ला के काव्य संग्रह ‘नेह निर्झर’ के विमोचन अवसर पर कही। गुफ्तगू द्वारा 9 december को महात्मा गांधी अंतरराष्टीय विश्वविद्याल के क्षेत्रीय सभागार में विमोचन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें श्री अजामिल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने किया। मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि साहित्य जगत में एक और महिला आना बेहद सुखद संदेश है, उन्होंने कहाकि महिलायें समाज के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, और यह संवेदनशीलता नंदा शुक्ला की कविताओं में स्पष्ट रूप स दिख रहा है। डाॅ. ने अपने वक्तव्य में काव्य सृजन के शुरूआती दिनों की बात की और अपनी प्रतिनिधि कवितायें सुनाईं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर इक़बाल दानिश ने कहा कि पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर कार्यरत सुश्री शुक्ला ने बहुत अच्छी कविताओं का सृजन किया है, हमें ऐसी कविताओं का तहेदिल से स्वागत करना चाहिए। हां एक बात जरूर है कि उन्हें छंदबद्ध कविताओं का भी सृजन करना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक शिवपूजन सिंह ने लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्य के बरगद के नीचे बहुत से कोंपलें पल्लवित होती हैं उम्मीद है कि डा नन्दा की काव्य रचना भी उसी तरह से पल्लवित होगी। सह संयोजक वीनस केसरी ने बताया विमोचन समारोह में हर बार कुछ चुए लोगों कवियों-शायरों से ही काव्य पाठ कराया जाएगा। कार्यक्रम के दूसरे दौर में एहतराम इस्लाम, अख़्तर अज़ीज़, रीतंधरा मिश्रा, स्नेहा पांडेय, डा. मोनिका नामदेव और अनुराग अनुभव ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर शैलेंद्र जय, रमेश नाचीज,तलब जौनपुरी,विपीन श्रीवास्तव,शुभ्रांशु पांडेय,सुशील द्विवेदी, राजेश कुमार, शाहनवाज आलम, हुमा अक्सीर, शादमा बानो, शाहिद इलाहाबादी, विवके सत्यांशु, राजेन्द्र कुमार सिंह, सौरभ पांडेय, जयकृष्ण राय तुषार, दिव्या सिंह, वंदना कुशवाहा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। अंत में कार्यक्रम के संयोजक शिवपूजन सिंह ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।
इलाहाबाद। कवयित्री डा. नन्दा शुक्ला की कवितायें जीवंत हैं, उन्होंने अपने आप-पास के परिदृश्य को जिस रूप में देखा है उसी रूप में रेखांकित कर दिया है, समाज को आईना दिखाने का भूरपूर प्रयास किया है। इस हिसाब से इनकी कवितायें बेहद महत्वपूर्ण हैं, हमें ऐसे लोगों के साहित्य आने का स्वागत करना चाहिए। गुफ्तगू पब्लिकेशन ने इनकी कवितायें प्रकाशित करके एक अच्छा संदेश दिया है। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार अजामिल ने डा. नन्दा शुक्ला के काव्य संग्रह ‘नेह निर्झर’ के विमोचन अवसर पर कही। गुफ्तगू द्वारा 9 december को महात्मा गांधी अंतरराष्टीय विश्वविद्याल के क्षेत्रीय सभागार में विमोचन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें श्री अजामिल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने किया। मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि साहित्य जगत में एक और महिला आना बेहद सुखद संदेश है, उन्होंने कहाकि महिलायें समाज के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, और यह संवेदनशीलता नंदा शुक्ला की कविताओं में स्पष्ट रूप स दिख रहा है। डाॅ. ने अपने वक्तव्य में काव्य सृजन के शुरूआती दिनों की बात की और अपनी प्रतिनिधि कवितायें सुनाईं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर इक़बाल दानिश ने कहा कि पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर कार्यरत सुश्री शुक्ला ने बहुत अच्छी कविताओं का सृजन किया है, हमें ऐसी कविताओं का तहेदिल से स्वागत करना चाहिए। हां एक बात जरूर है कि उन्हें छंदबद्ध कविताओं का भी सृजन करना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक शिवपूजन सिंह ने लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्य के बरगद के नीचे बहुत से कोंपलें पल्लवित होती हैं उम्मीद है कि डा नन्दा की काव्य रचना भी उसी तरह से पल्लवित होगी। सह संयोजक वीनस केसरी ने बताया विमोचन समारोह में हर बार कुछ चुए लोगों कवियों-शायरों से ही काव्य पाठ कराया जाएगा। कार्यक्रम के दूसरे दौर में एहतराम इस्लाम, अख़्तर अज़ीज़, रीतंधरा मिश्रा, स्नेहा पांडेय, डा. मोनिका नामदेव और अनुराग अनुभव ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर शैलेंद्र जय, रमेश नाचीज,तलब जौनपुरी,विपीन श्रीवास्तव,शुभ्रांशु पांडेय,सुशील द्विवेदी, राजेश कुमार, शाहनवाज आलम, हुमा अक्सीर, शादमा बानो, शाहिद इलाहाबादी, विवके सत्यांशु, राजेन्द्र कुमार सिंह, सौरभ पांडेय, जयकृष्ण राय तुषार, दिव्या सिंह, वंदना कुशवाहा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। अंत में कार्यक्रम के संयोजक शिवपूजन सिंह ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आतीं इलाहाबाद की मेयर अभिलाष गुप्ता साथ में गुफ्तगू के उप संपादक वीनस केसरी |
कार्यक्रम का आनंद लेतीं दिव्या सिंह, वंदना चैरसिया और स्नेहा पांडेय |
कार्यक्रम का संचालन करते गुफ्तगू के संस्थापक इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी |
विचार व्यक्त करतीं नन्दा शुक्ला |
काव्य पाठ करते अनुराग अनुभव |
काव्य पाठ करतीं स्नेहा पांडेय |
काव्य पाठ करतीं मोनिका नामदेव |
काव्य पाठ करतीं रीतंधरा मिश्रा |
कलाम पेश करते अख़्तर अज़ीज़ |
कलाम पेश करते एहतराम इस्लाम |
विचार व्यक्त करते सौरभ पांडेय |
विचार व्यक्त करती मेयर अभिलाषा गुप्ता |
विचार व्यक्त करते अजामिल |
विचार व्यक्त करते इक़बाल दानिश |
धन्यवाद ज्ञापित करते शिवपूजन सिंह |
1 टिप्पणियाँ:
गुफ्तगू का कार्य सदैव से ही सराहनीय रहा है |कम संसाधनों के द्वारा अच्छे कार्यक्रम वो भी साहित्यिक कोई गुफ्तगू से सीखे |बधाई इम्तियाज गाजी साहब |
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