बुधवार, 20 जून 2018

गुफ्तगू ने नए लोगों को दी पहचान

इलाहाबाद के आठ उर्दू अदीबों का किया गया सम्मान

इलाहाबाद। ‘गुफ्तगू’ की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसने नये लोगों को अवसर प्रदान करके देश के पटल पर स्थापित किया है, अगर ‘गुफ्तगू’ ने यह प्र्रयास नहीं किया होता तो बहुत से कवि-शायर दुनिया के सामने ही नहीं आ पाते, उनकी प्रतिभा कंठित हो जाती। यह बात वरिष्ठ शायर हसनैन मुस्तफ़ाबादी ने ‘गुफ्तगू’ द्वारा 17 जून को इलाहाबाद के करैली स्थित अदब घर में आयोजित सम्मान समारोह और मुशायरे के दौरान कही। उन्होंने कहा आज आठ उर्दू अदीबों का सम्मान करके ‘गुफ्तगू’ ने यह साबित कर दिया है अच्छा काम करने वालों की हौसलाअफ़ज़ाई करती रहेगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि ‘गुफ्तगू’ की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसला हो तो कामयाबी ज़रूर मिलेगी। मैं शुरू से गुफ्तगू को देखता आया हूं, 15 साल के सफ़र की जब शुरूआत हुई तो यह नहीं लगता था सफ़र इतना लंबा चलेगा, मगर इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी की लगन ने इसे कामयाब किया है। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद गा़ज़ी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडेमी ने इलाहाबाद के लोगों को सम्मानित किया है, जो इलाहाबाद के लिए बेहद सम्मान की बात है, इसे देखते हुए हमने इन लोगों को सम्मानित करने का निर्णय लिया, ताकि इससे लोगों को प्रेरणा मिले और दूसरे साहित्यकार भी अच्छा लिखें। विशिष्ट अतिथि डाॅ. अशरफ़ अली बेग ने कहा कि जिन आठ लोगों को उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडेमी ने एवार्ड दिया था, उन्हें सम्मानित करके गुफ्तगू ने एक बड़ा काम किया है। सरदार गुरमीत सिंह ने कहा कि ‘गुफ्तगू’ का साहित्यिक सफ़र आज इलाहाबाद की पहचान बन गया है। जब कभी भी इलाहाबाद की साहित्यिक पत्रिका का एतिहास लिखा जाएगा तो उसमें ‘गुफ्तगू’ का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। कार्यक्रम का संचालन मनमोहन सिंह ‘तन्हा’ ने किया।
दूसरे दौर में मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें नरेश महारानी, शिवपूजन सिंह, योगेंद्र कुमार मिश्र, प्रभाशंकर शर्मा, अनिल मानव, संपदा मिश्रा, सुनील दानिश, वाक़िफ़ अंसारी, शाहीन खुश्बू, फरमूद इलाहाबादी, गुलरेज़ इलाहाबादी, शैलेंद्र जय, रमेश नाचीज़, शादमा ज़ैदी, अख़्तर अज़ीज़, सैफ़, अजीत शर्मा आकाश, नौशाद कामरान, हसीन जिलानी, रजनीश पाठक और आसिफ ग़ाज़ीपुरी ने कलाम पेश किया। अंत में नरेश कुमार महरानी ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।

इन्हें किया गया सम्मानित
असरार गांधी, फ़ाज़िल हाशमी, शाइस्ता फ़ाख़री, ज़फ़रउल्ला अंसारी, नौशाद कामरान, डाॅ. ताहिरा परवीन, डाॅ. सालेहा सिद्दीक़ी और रूझान पब्लिकेशन

                               

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