मंगलवार, 14 जुलाई 2015

!!! गुफ्तगू के इस अंक में !!!

3.ख़ास ग़ज़लें: अकबर इलाहाबादी, फि़राक़ गोरखपुरी, परवीन शाकिर, दुष्यंत कुमार
4.संपादकीय: सोशल साइट्स का सही इस्तेमाल ज़रूरी
5-6. आपके ख़त
ग़ज़लें
7.बशीर बद्र, वसीम बरेलवी, मुनव्वर राना, बुद्धिसेन शर्मा
8.श्याम सखा श्याम, इनआम हनफ़ी, इब्राहीम अश्क, उद्धव महाजन बिस्मिल, 
9.प्रमोद कुमार सुमन, अख़्तर अज़ीज़, अहमद वसी, सुशील साहिल,
10.भानु कुमार मंुतजि़र, महेश अग्रवाल, विजय लक्ष्मी विभा, अखिलेश निगम ‘अखिल’
11.प्रो. ओम राज, हफ़ीज मस्तान, आबशार आदम, शहरयार ख़ान ‘चांद’
12.शेख़ क़दीर कुरैशी, सतीश शुक्ल ‘रक़ीब’,भारत भूषण जोशी, अरविंद असर
13.दिलीप सिंह दीपक, असद अली असद, वसीम महशर, इंद्रपाल सिंह ‘तन्हा’
14.रजनीश प्रीतम, रंजन विनोद
कविताएं 
15.जोश मलीहाबादी, कैलाश गौतम
16.भोेलानाथ कुशवाहा, अलका श्रीवास्तव, नंदल हितैषी
17. प्रशांत तिवारी, संजय वर्मा ‘दृष्टि’
18-19.तआरुफ़: रोहित त्रिपाठी ‘रागेश्वर’
20-22. चैपाल: आम आदमी साहित्य से दूर क्यों हुआ
23-27. विशेष लेख: ग़ज़ल में खुदकुशी की अवधारणा: प्रो. ओम राज
28-31. इंटरव्यू: रवींद्र कालिया
32-34.तब्सेरा: पहाड़ों से समंदर तक, मेरा चांद और गुनगुनी धूप, कथा गांव ए-जी हंसिए, दिल भी है दीवार भी है
35-37. अदबी ख़ब़रें
38-41. इश्क़ सुल्तानपुरी के सौ शेर
42-43. इलाहाबाद के प्रमुख साहित्यकारों के संपर्क नंबर
44-47. कहानी: तोहफ़ा: मंजरी शुक्ला
48-49. गुलशन-ए-इलाहाबाद: डाॅ. जगन्नाथ पाठक
परिशिष्ट: ओम प्रकाश यती
50. ओम प्रकाश यती का परिचय
51-52. जन गण को स्थापित करती ग़ज़लें: राजेश राज
53-54.सहज और संप्रेशणीस ग़ज़लें: डाॅ. शैलेष गुप्त ‘वीर’
55-80. ओम प्रकाश यती की ग़ज़लें


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