इम्तियाज़ ग़ाज़ी की संपादित पुस्तक ‘काव्य व्याकरण’ का विमोचन
गाजीपुर। यूं तो ग़ज़ल व्याकरण की बहुत सी किताबें जगह-जगह से छप रही हैं, यह एक चलन सा हो गया है। लेकिन ग़ज़ल के साथ-साथ हिन्दी-उर्दू काव्य की सभी विधाओं के व्याकरण को शामिल करते हुए किसी पुस्तक का प्रकाशन अब तक नहीं हुआ था। इस जरूरत का महसूस करते हुए इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने ‘काव्य व्याकरण’ का संपादन करके प्रकाशित किया है। वर्तमान समय में ऐसी किताब की ही जरूरत है। इस जरूरत को समझते हुए ही इम्तियाज़ गा़जी ने यह काम किया। इनके इस काम की जितनी तारीफ की जाए कम है। यह बात छत्तसीगढ़ के डीजी मोहम्मद वजीर अंसारी ने ‘काव्य व्याकरण’ के विमोचन अवसर पर कही। कार्यक्रम का आयोजन 01 अक्तूबर को गाजीपुर जिले के दिलदानगर थाना क्षेत्र के उसिया गांव स्थित अली अहमद अहाता में किया गया। जिसकी अध्यक्षता मदरसा तेगिया शम्सुल उलूम के प्रंबधक मौलाना रियाज हुसैन खान शम्सी ने किया।
श्री वजीर अंसारी ने कहा कि इम्तियाज ग़ाजी ने यह काम करके जहां देशभर नौजवानों का मार्गदर्शन किया है, वहीं गाजीपुर जिले में एक नए रूप से साहित्यिक अलख जगा दी है। उनके इस काम से जिले के लोगों को बहुत कुछ जानने-समझने का अवसर प्राप्त होगा। मशहूर शायर मिथिलेश गहमरी ने कहा कि व्याकरण का मतलब अनुशासन होता है, इस किताब के जरिए इम्तियाज गाजी ने लोगों को हिन्दी-उर्दू पद्य साहित्य का अनुशासन जानने-समझने का मौका दिया है। बिना अनुशासन के किसी चीज़ की सही रूप में न तो जानकारी हो सकती है और न ही रचना का सही मायने में सृजन। अब जरूरत इस बात की है कि लोग ‘काव्य व्याकरण’ को गंभीरत से पढ़कर काव्य विधाओं की जानकारी हासिल करें। शायर जुबैर दिलदानगरी ने कहा इस किताब में ग़ज़ल के साथ-साथ दोहा, हाइकु, नात, हम्द, माहिया, रूबाई आदि विषयों की जानकारी बेहद आसान भाषा में समझाकर दी गई है। नौजवानों के लिए यह किताब बहुत ही काम की है। भोपाल से आए मक़बूल वाजिद ने कहा कि यह किताब बेहद ही उल्लेखनीय है, बिना व्याकरण की जानकारी के शेरो-शायरी के काम को ठीक ढंग से अंजाम नहीं दिया जा सकता। काव्य व्याकरण के जरिए इम्तियाज गाजी ने साहित्य प्रेमियों के लिए एक अजीम तोहफा पेश किया है, यह लगभग हर वर्ग के लिए लाभदायक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना रियाज हुसैन ने कहा कि जिस तरह वीर अब्दुल हमीद, डिप्टी सईद और वजीर अंसारी आदि अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन काम के लिए जाने जाते हैं, उसी तरह इम्तियाज़ गा़ज़ी ने साहित्य के क्षेत्र में बेहतरीन काम करके गाजीपुर का रौशन किया है, उम्मीद है कि इनकी कामयाबी का सफ़र अभी और आगे जाएगा। मैं इम्तियाज को बचपन से जानता हूं, इस लड़के में मेहनत से काम करने की क्षमत शुरू से रही है, यही वजह है कि आज काव्य व्याकरण जैसी किताब लोगों के लिए पेश किया है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे इम्तियाज़ अहमद गा़ज़ी ने कहा कि मैंने अपने स्तर पर एक अच्छा काम करने का प्रयास किया है, अगर आप लोगों का सहयोग रहा तो आगे और भी बेहतर काम किए जाएंगे। इस मौके पर कमसानामा के लेखक सुहैल खां, कुंवर नसीम रजा खां, शहाब खां, मार्कण्डेय राय, करीम रजा खां, अतीक खां, जमालुद्दीन खां आदि मौजूद रहे।
गाजीपुर। यूं तो ग़ज़ल व्याकरण की बहुत सी किताबें जगह-जगह से छप रही हैं, यह एक चलन सा हो गया है। लेकिन ग़ज़ल के साथ-साथ हिन्दी-उर्दू काव्य की सभी विधाओं के व्याकरण को शामिल करते हुए किसी पुस्तक का प्रकाशन अब तक नहीं हुआ था। इस जरूरत का महसूस करते हुए इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने ‘काव्य व्याकरण’ का संपादन करके प्रकाशित किया है। वर्तमान समय में ऐसी किताब की ही जरूरत है। इस जरूरत को समझते हुए ही इम्तियाज़ गा़जी ने यह काम किया। इनके इस काम की जितनी तारीफ की जाए कम है। यह बात छत्तसीगढ़ के डीजी मोहम्मद वजीर अंसारी ने ‘काव्य व्याकरण’ के विमोचन अवसर पर कही। कार्यक्रम का आयोजन 01 अक्तूबर को गाजीपुर जिले के दिलदानगर थाना क्षेत्र के उसिया गांव स्थित अली अहमद अहाता में किया गया। जिसकी अध्यक्षता मदरसा तेगिया शम्सुल उलूम के प्रंबधक मौलाना रियाज हुसैन खान शम्सी ने किया।
श्री वजीर अंसारी ने कहा कि इम्तियाज ग़ाजी ने यह काम करके जहां देशभर नौजवानों का मार्गदर्शन किया है, वहीं गाजीपुर जिले में एक नए रूप से साहित्यिक अलख जगा दी है। उनके इस काम से जिले के लोगों को बहुत कुछ जानने-समझने का अवसर प्राप्त होगा। मशहूर शायर मिथिलेश गहमरी ने कहा कि व्याकरण का मतलब अनुशासन होता है, इस किताब के जरिए इम्तियाज गाजी ने लोगों को हिन्दी-उर्दू पद्य साहित्य का अनुशासन जानने-समझने का मौका दिया है। बिना अनुशासन के किसी चीज़ की सही रूप में न तो जानकारी हो सकती है और न ही रचना का सही मायने में सृजन। अब जरूरत इस बात की है कि लोग ‘काव्य व्याकरण’ को गंभीरत से पढ़कर काव्य विधाओं की जानकारी हासिल करें। शायर जुबैर दिलदानगरी ने कहा इस किताब में ग़ज़ल के साथ-साथ दोहा, हाइकु, नात, हम्द, माहिया, रूबाई आदि विषयों की जानकारी बेहद आसान भाषा में समझाकर दी गई है। नौजवानों के लिए यह किताब बहुत ही काम की है। भोपाल से आए मक़बूल वाजिद ने कहा कि यह किताब बेहद ही उल्लेखनीय है, बिना व्याकरण की जानकारी के शेरो-शायरी के काम को ठीक ढंग से अंजाम नहीं दिया जा सकता। काव्य व्याकरण के जरिए इम्तियाज गाजी ने साहित्य प्रेमियों के लिए एक अजीम तोहफा पेश किया है, यह लगभग हर वर्ग के लिए लाभदायक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना रियाज हुसैन ने कहा कि जिस तरह वीर अब्दुल हमीद, डिप्टी सईद और वजीर अंसारी आदि अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन काम के लिए जाने जाते हैं, उसी तरह इम्तियाज़ गा़ज़ी ने साहित्य के क्षेत्र में बेहतरीन काम करके गाजीपुर का रौशन किया है, उम्मीद है कि इनकी कामयाबी का सफ़र अभी और आगे जाएगा। मैं इम्तियाज को बचपन से जानता हूं, इस लड़के में मेहनत से काम करने की क्षमत शुरू से रही है, यही वजह है कि आज काव्य व्याकरण जैसी किताब लोगों के लिए पेश किया है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे इम्तियाज़ अहमद गा़ज़ी ने कहा कि मैंने अपने स्तर पर एक अच्छा काम करने का प्रयास किया है, अगर आप लोगों का सहयोग रहा तो आगे और भी बेहतर काम किए जाएंगे। इस मौके पर कमसानामा के लेखक सुहैल खां, कुंवर नसीम रजा खां, शहाब खां, मार्कण्डेय राय, करीम रजा खां, अतीक खां, जमालुद्दीन खां आदि मौजूद रहे।
7 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर ...डॉ.ओ.पी. व्यास
बहुत सुंदर ...डॉ.ओ.पी. व्यास
अति सुन्दर सर
सर मूझे ये किताब चाहिए ‘काव्य व्याकरण’ इम्तियाज़ अहमद गा़ज़ी साहब की ... मार्किट मे बहुत देखा कही नहीं मिली ......
......ग्रेटर नोएडा मे अगर कही पर मिल सके तो प्लीज आप मूझे मेल कर सके तो मै आपका आभारी रहूँगा ... मेरी मेल ई डी - pradeepgrano5416@gmail.com
Uttarakhan me ya fir delhi me ye book kaha se khareedi ja sakti. Pls information share kare. thanks
Aapko mili kiya ye book... Plz agar kahi mile to mujhe bhi bata dena..
Mail karke.. Plz.
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